छत्तीसगढ़

उप सचिव सौम्या चौरसिया को कोर्ट ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा

रायपुर
 कोयला परिवहन घोटाला और मनी लाड्रिंग मामले में मुख्यमंत्री कार्यालय में उप सचिव सौम्या चौरसिया (Soumya Chaurasia) को कोर्ट ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। यानी सौम्या चौरसिया अब 14 दिन तक जेल में रहेंगी। इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सौम्या चौरसिया को आज जज अजय सिंह राजपूत की कोर्ट में पेश किया। इस दौरान सौम्या चौरसिया को कड़ी सुरक्षा के बीच कोर्ट में पेश किया गया। इस मामले में मुख्यमंत्री कार्यालय में उप सचिव सौम्या चौरसिया ईडी की रिमांड पर हैं। आइएएस समीर बिश्नोई समेत तीन कोयला कारोबारी न्यायिक रिमांड पर जेल में बंद हैं। सभी की रिमांड अवधि आज पूरी हो गई है।

आरोपितों की 152.31 करोड़ रुपये की 91 संपत्ति अटैच

इससे पहले उपसचिव सौम्या चौरसिया, आइएएस समीर बिश्नोई, कारोबारी सूर्यकांत तिवारी समेत पांचों आरोपितों की 152.31 करोड़ रुपये की 91 संपत्ति कोर्ट ने अटैच कर दी है। यह कार्रवाई 25 रुपये प्रति टन कोयले पर कमीशन (सरकारी एक्सटार्शन) मामले में की गई है। ईडी ने शनिवार को पांचों आरोपितों को कोर्ट में पेश किया। सुनवाई के बाद चारों आरोपितों बिश्नोई, सूर्यकांत, लक्ष्मीकांत तिवारी और सुनील अग्रवाल को 13 जनवरी तक के लिए जेल भेज दिया गया। वहीं सौम्या चौरसिया की चार दिन की ईडी रिमांड स्वीकृत की गई है।

ईडी के अधिवक्ता सौरभ पांडेय पांडेय ने बताया कि ईडी के परिवाद में उल्लेख किया गया है कि वरिष्ठ अधिकारियों, व्यापारियों, राजनेताओं और बिचौलियों से जुड़े एक शख्स ने मिलकर घोटाले को अंजाम दिया है। बता दें कि ईडी ने शुक्रवार को कोर्ट में आठ हजार पन्‍नों की चार्जशीट पेश की है। शनिवार को भी बोरों व डिब्बों में दस्तावेज लेकर पहुंची थी। कोर्ट ने यह भी कहा है कि अगली बार सभी आरोपियों को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए पेश किया जाए। कोर्ट ने अति आवश्यक होने पर ही कोर्ट लाने के निर्देश दिए हैं।

बताया जाता है कि अटैच की संपत्तियों में से सबसे अधिक 65 संपत्तियां कारोबारी सूर्यकांत तिवारी से जुड़ी हुई हैं। उपसचिव सौम्या चौरसिया से जुड़ी 21 संपत्तियां और निलंबित आइएएस समीर विश्नोई से जुड़ी पांच संपत्तियां हैं। शेष संपत्तियां सुनील अग्रवाल और लक्ष्मीकांत तिवारी से जुड़ी हुई हैं। इन संपत्तियों में कैश, आभूषण, फ्लैट, कोलवाशरी और भूखंड शामिल हैं। कोयला परिवहन में अवैध वसूली के इस गिरोह ने बेनामी संपत्ति बनाने के लिए अपने रिश्तेदारों का इस्तेमाल किया है। इन जमीनों को खरीदने के सौदे न्यूनतम चेक राशि पर किए गए थे। वसूली से बड़ी मात्रा में आई नगदी को इन संपत्तियों को खरीदने के लिए उपयोग किया गया।

KhabarBhoomi Desk-1

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