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कोरोना के नए BF.7 वैरिएंट से चीन में बिगड़े हालात, बुखार और दर्द निवारक दवाओं के लिए भी भटक रहे लोग

 हॉन्ग कॉन्ग 

चीन में कोविड के नए BF.7 सब वैरिएंट की वजह से संक्रमण के मामलों में तेजी से उछाल आया है। वहां स्थिति साल 2020 जैसी होती दिख रही है। सभी अस्पतालों में कोविड संक्रमितों से बेड भरे पड़े हैं, जबकि फार्मेसी की दुकानों में जरूरी दवाएं कम पड़ रही हैं। हालात ऐसे हैं कि फ्लू जैसे लक्षणों को कम करने के लिए बुखार की दवाएं और दर्द निवारक दवाएं खरीदने के लिए भी चीन में लोगों को हाथ-पांव मारने पड़ रहे हैं।

हॉन्गकॉन्ग, मकाओ, ताइवान और दूर-दराज के इलाकों में दवा की दुकानों पर टाइलेनॉल और एडविल के जेनेरिक संस्करण नहीं मिल रहे हैं। पूरे चीन में लोग दवा नहीं मिलने से हलकान हैं। सरकार ने कुछ स्थानीय फार्मेसियों को बिक्री सीमित करने का आदेश दिया है। नतीजतन लोग डिब्बाबंद आड़ू खरीद कर घरेलू उपचार कर रहे हैं। इसकी भी दुकानों में किल्लत हो गई है।

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चीन की ये स्थिति संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा में बच्चों के दर्द निवारक दवाओं की कमी को दर्शाती है, जहां वायरस के प्रसार के कारण इन दवाओं की भारी मांग में तेजी देखी गई है। वहां भी कोविड ने बच्चों के श्वसन प्रणाली पर तेजी से आक्रमण किया है। चीन की मुख्य भूमि से अलग हांगकांग के स्वास्थ्य प्रमुख ने लोगों से बुखार और ठंड की दवाओं की जमाखोरी नहीं करने की अपील की है।

अमेरिकी न्यूज चैनल CNN के मुताबिक, वान चाई के वाणिज्यिक जिले में पांच दवाइयों की दुकानों पर पनाडोल नामक दवा, जो टाइलेनॉल का स्थानीय ब्रांड है, दो सप्ताह से उपलब्ध नहीं है। एक  सेल्समैन के हवाले से कहा गया है कि स्थानीय लोगों ने चीन की मुख्य भूमि में अपने दोस्तों और रिश्तेदारों को भेजने के लिए थोक में इन दवाओं की खरीदारी कर ली है, इससे दवाओं की भारी किल्लत हो गई है।

WHO को भेजे गए आंकड़ों के अनुसार 3 जनवरी 2020 से  21 दिसंबर 2022 की शाम 5 बजे तक चीन में कोरोना संक्रमण के 10,112,335 मामले सामने आ चुके हैं। इनमें से  31,431 लोगों की मौत इस संक्रमण की वजह से हो चुकी है।  28 नवंबर 2022 तक लोगों को वैक्सीन की कुल 3,465,113,661 खुराक दी जा चुकी है।
 

KhabarBhoomi Desk-1

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