नई दिल्ली, जेएनएन। कोरोना के खिलाफ लड़ाई को मजबूती प्रदान करने के लिए सरकार एक लाख से अधिक ‘कोरोना योद्धा’ तैयार करेगी। इसके तहत स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े विभिन्न क्षेत्रों में युवाओं को प्रशिक्षित किया जाएगा। इसके लिए स्किल इंडिया के अंतर्गत शुक्रवार को क्रैश कोर्स की शुरुआत करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इससे पिछले 16 महीने से लगातार काम कर रहे हेल्थकेयर वर्कर्स पर बोझ कम होगा। साथ ही जरूरी स्वास्थ्य सेवाओं को सुचारू रूप से चलाने के लिए प्रशिक्षित कर्मियों की कमी भी दूर होगी।
दो-तीन महीने की होगी ट्रेनिंग
प्रधानमंत्री मोदी के अनुसार कोरोना के बदलते स्वरूप से भविष्य में आने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए बड़ी संख्या में अग्रिम मोर्चे के कोरोना योद्धाओं की जरूरत है। एक लाख युवाओं को प्रशिक्षित कर इसके लिए तैयार करने का फैसला किया गया है। उन्होंने कहा कि दो-तीन महीने की आनजाब ट्रेनिंग के बाद ये युवा अपनी जिम्मेदारी संभालने के लिए पूरी तरह सक्षम होंगे।
छह क्षेत्रों की जरूरतों के आधार पर कदम
प्रशिक्षण कार्यक्रम को मोटे तौर पर छह क्षेत्रों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है। इसमें नर्सिंग से जुड़े सामान्य काम, होम केयर, क्रिटिकल केयर में मदद, सैंपल कलेक्शन, मेडिकल टेक्नीशियन और नए-नए उपकरणों को चलाने और संभालने की जिम्मेदारी शामिल है।
दूसरी लहर की खामियों से सबक
कौशल विकास मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर में पूरे देश में स्वास्थ्य सेवाओं में प्रशिक्षित कामगारों की भारी कमी देखी गई। आक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए विदेशों से टैंकर तो मंगा लिए गए, लेकिन तरल आक्सीजन ढोने वाले टैंकर चलाने के प्रशिक्षित ड्राइवर ही नहीं थे। विदेशों से आने वाले टैंकर लेफ्ट हैंड व्हील थे। इसके लिए सेना के ड्राइवरों की मदद ली गई थी। नए कार्यक्रम में इसके 2,500 ड्राइवर को ट्रेनिंग दी जाएगी।
वेंटिलेटर चलाने की ट्रेनिंग
राज्यों में वेंटिलेटर का इस्तेमाल सिर्फ इसीलिए नहीं हो पाया कि उन्हें चलाने के लिए प्रशिक्षत लोग नहीं थे। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के हर जिले में आक्सीजन की सुविधा मुहैया कराने के लिए 1,500 से ज्यादा आक्सीजन उत्पादन प्लांट लगाने का काम तेजी से चल रहा है। इन प्लांट को चलाने और रखरखाव के लिए बड़ी संख्या में प्रशिक्षित लोगों की जरूरत पड़ेगी। कौशल विकास मंत्रालय ने आइटीआइ से प्रशिक्षित 25 हजार युवाओं की पहचान की है, जिन्हें इस काम में लगाया जा सकता है। अब उन्हें दो-तीन महीने के प्रशिक्षण के साथ इसके लिए तैयार किया जाएगा।
प्रशिक्षण के दौरान मिलेगा मानदेय
प्रशिक्षण के दौरान युवाओं को मानदेय दिया जाएगा। साथ ही उनके रहने और खाने की मुफ्त व्यवस्था की जाएगी। इसके अलावा उनका दो लाख रुपये का दुर्घटना बीमा भी कराया जाएगा। राज्य सरकारों को ट्रेनिंग लेने वाले युवाओं को प्राथमिकता के आधार पर टीकाकरण कराने और अन्य सुविधाएं मुहैया कराने को कहा गया है।