मुंबई
भारत में लगातार कोरोना के मामलों में इजाफा हो रहा है। प्रतिदिन कई नए हजार मामले दर्ज किए जा रहे हैं। लेकिन इन सबके बावजूद बाकी देशों के मुकाबले भारत में कोविड केस बेहद ही कम हैं। जनसंख्या आधारित आंकड़ों के अनुसार, भारत में कोविड मामलों में उछाल न्यूजीलैंड, फ्रांस या दक्षिण कोरिया जैसे कुछ अन्य देशों के मुकाबले कम है।
न्यूजीलैंड में प्रति मिलियन जनसंख्या पर कोविड के 293 केस
भारत में प्रति मिलियन (10 लाख) जनसंख्या पर केवल दो मामले सामने हैं, यह कई यूरोपीय और अमेरिकी देशों में संख्या का एक अंश है। ourworldindata.org पर उपलब्ध 6 अप्रैल के आंकड़ों के अनुसार, न्यूजीलैंड में कोविड दर प्रति मिलियन जनसंख्या पर 293 है, फ्रांस में पिछले सप्ताह प्रति मिलियन पर लगभग 126 मामले देखे गए और दक्षिण कोरिया में प्रति मिलियन पर 163 मामले हैं।
भारत का कोविड भार वैश्विक संख्या का है अंश
6 अप्रैल को किए गए विश्लेषण से पता चला कि संयुक्त राज्य अमेरिका में प्रति मिलियन जनसंख्या पर 75 मामले थे। जबकि यूनाइटेड किंगडम में 46 थे। अन्य देशों में कोविड-19 आंकड़ों के मुताबिक भारत में कोविड-19 प्रकोप अन्य देशों की तुलना में उसका अंश भर है।
कोविड-19 में अन्य देशों की तुलना में बेहतर है भारत
अंधेरी के कोकिलाबेन अंबानी अस्पताल की संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ. तनु सिंघल ने कहा कि हम मामलों में वृद्धि देख रहे हैं और मरीज़ अस्पतालों में भर्ती हो रहे हैं, लेकिन संख्या के मामले में हम अन्य देशों की तुलना में बेहतर प्रतीत होते हैं। हालांकि, उन्होंने कहा कि भारत में कोविड के नए आंकड़े अपर्याप्त परीक्षण के कारण सामने आए हैं। यदि भारत ने अगस्त 2021 में एक दिन में 22 लाख परीक्षण किए तो यह संख्या वर्तमान में 1 लाख है। सर एच एन रिलायंस अस्पताल के गहन देखभाल विभाग के प्रमुख डॉ राहुल पंडित ने कहा कि लोग खुद का परीक्षण नहीं करवा रहे हैं और जिन लोगों को कोरोना की वैक्सीन लगी है उनमें संक्रमण की दर कम है। इसलिए हमें अभी भी सावधानी बरतने की जरूरत है और ज्यादा से ज्यादा वैक्सीनेशन करने की आवश्यकता भी है।
महाराष्ट्र के सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने कहा कि अधिकांश दिनों में कोविड टेस्टिंग की मात्रा विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रति मिलियन जनसंख्या पर 140 परीक्षणों के निर्देश के अनुसार होती है। हालांकि, केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को टेस्टिंग बढ़ाने का निर्देश दिया है। खासतौर पर रैपिड एंटीजन टेस्टिंग (RAT) के बजाय RTPCR (आरटीपीसीआर) तकनीक का इस्तेमाल करने का निर्देश दिया गया है।