नई दिल्ली
कोयला मंत्रालय 12 अप्रैल को शुष्क ईंधन भंडार के आवंटियों के साथ एक बैठक करेगा, जिसका उद्देश्य विभिन्न हितधारकों, विशेष रूप से बिजली क्षेत्र, के लिए निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित करना है।
कोयला सचिव अमृतलाल मीणा की अध्यक्षता में होने वाले सत्र में कोयला क्षेत्र को और अधिक आकर्षक बनाने के लिए मंत्रालय द्वारा लागू किए गए महत्वपूर्ण सुधारों पर प्रकाश डाला जाएगा।
मंत्रालय के अधिकारी उन कोयला ब्लॉकों के आवंटियों से बातचीत करेंगे, जिन्हें वाणिज्यिक खनन के लिए हाल की नीलामियों में खदानें दी गई थीं। मंत्रालय घरेलू कोयला उत्पादन बढ़ाने, आयातित कोयले पर निर्भरता कम करने और देश में कारोबार की आसानी के लिए सभी हितधारकों से प्रतिक्रिया और सुझाव भी मांगेगा।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि मंत्रालय वित्त वर्ष 2022-23 के लिए वास्तविक कोयला उत्पादन और वर्ष 2023-24 के उत्पादन लक्ष्यों की समीक्षा करेगा।
वित्त वर्ष 2022-23 में कैप्टिव और वाणिज्यिक कोयला खदानों से 11.577 करोड़ टन कोयला उत्पादन हुआ।
सरकार ने सीएम (एसपी) अधिनियम, 2015 और एमएमडीआर अधिनियम, 1957 के तहत 18 जून 2020 को 38 कोयला खदानों के साथ वाणिज्यिक नीलामी के पहले चरण की शुरुआत की थी।
अब तक वाणिज्यिक कोयला खदानों की नीलामी के छह चरणों में कुल 87 कोयला खदानों की सफलतापूर्वक नीलामी की जा चुकी है, जिनकी कुल अधिकतम क्षमता (पीआरसी) 22.052 करोड़ टन प्रति वर्ष है। अधिकतम क्षमता की स्थिति में वार्षिक राजस्व सृजन 33,231 करोड़ रुपए होने का अनुमान है।