भोपाल
स्वच्छता में सिरमौर बने इंदौर समेत प्रदेश के अन्य नगरीय निकायों का रिकार्ड बनाए रखने सरकार स्वच्छ सर्वेक्षण में लापरवाही नहीं होने देगी। इसके लिए मुख्यमंत्री कलेक्टर कांफ्रेंस कर कलेक्टरों को उनके क्षेत्र के नगरीय निकायों को स्वच्छ बनाने के रोडमैप के बारे में जानकारी लेंगे। साथ ही नगरीय विकास और आवास मंत्री भी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये अब निकायों के काम की समीक्षा करेंगे। इसके साथ ही नगरीय निकायों को सौंदर्यीकरण की डीपीआर भी मांगी जाएगी ताकि उस पर काम कर शहरों को स्वच्छ और सुंदर बनाने का काम किया जा सके।
चुनावी साल में सरकार की प्राथमिकता सड़कों को दुरुस्त रखने के साथ साफ-सफाई बनाए रखने की भी है ताकि विकास कार्यों के आधार पर जनप्रतिनिधि जनता के समक्ष भविष्य में कराए जा सकने वाले कामों का रोडमैप दे सकें। इसी तारतम्य में अब प्रदेश के नगरीय निकायों की स्वच्छता और सड़कों पर फोकस किया जाएगा। नगरीय विकास और आवास विभाग ने तय किया है कि आने वाले दिनों में सड़कों के साथ ही उसके सौंदर्यीकरण को भी डीपीआर में शामिल किया जाएगा।
अधिकारियों से कहा गया है कि नए प्रोजेक्ट लाने के लिए अभी से कार्यवाही करें। खुदाई के बाद सड़कों का जीर्णोद्धार ठीक ढंग से होना चाहिए। अमृत-2.0 में जल-संरचनाओं और पार्क का कार्य बरसात के पहले पूरा करने के लिए भी कहा गया है। इसके लिए स्वीकृत कार्यों की डीपीआर जल्द तैयार कराकर काम शुरू कराने के लिए कहा गया है। प्रदेश में अमृत योजना में अभी तक 2 लाख 62 हजार नल कनेक्शन और 3 लाख 10 हजार सीवर कनेक्शन दिए गए हैं। अमृत-2.0 योजना में कार्यों की स्वीकृति और डीपीआर बनाने का कार्य चल रहा है।
3816 अवैध कालोनियों पर भी फोकस
विभाग ने नगरीय सड़कों के सुधार के लिए कायाकल्प अभियान मेंं 404 कार्यों के लिए टेंडर जारी किए हैं। इसके काम जल्द शुरू होने वाले हैं। इसके साथ ही अवैध कालोनियों के मामले में यह बात सामने आई है कि नगरपालिक निगमों में 3816 कालोनियां अवैध हैं। इनमें से 2273 कॉलोनियों का प्रारंभिक प्रकाशन हो चुका है।