नई दिल्ली
दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था अमेरिका में भी आर्थिक संकट के बादल मंडराने लगे हैं। तीन साल में पहली बार अमेरिकी विनिर्माण गतिविधि मार्च में सबसे निचले स्तर पर रिकॉर्ड की गई। इसके पीछे की वजह ऑर्डर में गिरावट रही है। विश्लेषकों का मानना है कि सख्त ऋण स्थितियों के कारण निर्माण गतिविधि में और गिरावट आ सकती है।
इंस्टीट्यूट फॉर सप्लाई मैनेजमेंट (ISM) के सर्वेक्षण ने सोमवार को बताया कि वर्ष 2009 के बाद पहली बार मैन्यूफैक्चरिंग PMI के सभी उप-घटकों को 50 की सीमा से नीचे देखा गया। कुछ अर्थशास्त्रियों का मानना है कि इससे संकेत मिलता है कि अमेरिका में मंदी आने वाली है। हालांकि, कई अर्थशास्त्रियों ने कहा कि बहुत कुछ सर्विस सेक्टर पर निर्भर करेगा, जिसका पीएमआई बढ़ती अर्थव्यवस्था के अनुरूप चल रहा है।
ISM के सर्वे रिपोर्ट में कहा गया है कि विनिर्माण पीएमआई पिछले महीने गिरकर 46.3 हो गया, जो मई 2020 के बाद का सबसे निचला स्तर है। फरवरी में यह 47.7 था। रिपोर्ट में कहा गया है कि कोविड-19 महामारी को छोड़ दें तो यह 2009 के मध्य के बाद से सबसे कमजोर रीडिंग है।
सर्वे ने हाल के वित्तीय बाजारों में आई उथल-पुथल पर कोई सीधी टिप्पणी नहीं की है। उधर, विविध उत्पादों के निर्माताओं ने कहा है कि वे वैश्विक बैंकिंग स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं और इस समय कोई विशेष प्रभाव पड़ता नहीं दिख रहा है।
बता दें कि बढ़ती मुद्रास्फिति से लड़ने के लिए अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर दी है, इससे ऋण लेने की लागत और वस्तुओं की मांग में भारी कमी आई है। मांग की कमी की वजह से निर्माण सेक्टर तीन साल के निचले स्तर पर पहुंच गया है। हालांकि, अमेरिकी अर्थव्यवस्था के लिए संतोष की बात यह है कि वहां भले ही निर्माण सेक्टर में गिरावट दर्ज की गई हो लेकिन सर्विस सेक्टर में मांग बढ़ी है।