नई दिल्ली
चीन और पाकिस्तान की ओर से बढ़ रही चुनौतियों से निपटने के लिए नौसेना महत्वपूर्ण समुद्री ठिकानों पर ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों की तैनाती करेगी। कई सफल परीक्षणों के बाद नौसेना ने हाल ही में इन मिसाइलों को समुद्री ठिकानों पर तैनाती के लिए स्वीकृत किया है।
मोबाइल लॉन्चर के जरिये दाग सकेंगे क्रूज मिसाइल
तैनात की जाने वाली क्रूज मिसाइलें आवाज से तेज गति से लक्ष्य पर सटीक निशाना लगाने के लिए जानी जाती हैं। नौसेना इन क्रूज मिसाइलों को मोबाइल लॉन्चर के जरिये भी दाग सकती है। इन्हें आवश्यकतानुसार कहीं भी ले जाया जा सकेगा। अर्थात इन्हें खोजकर बर्बाद करना दुश्मन के लिए लगभग असंभव होगा। इतना ही नहीं ये मिसाइलें युद्धपोत और पनडुब्बी से भी दागी जा सकेंगी। यह जानकारी नौसेना के पूर्व उप प्रमुख वाइस एडमिरल सतीश एन घोरमाडे ने दी है। तटीय क्षेत्रों के लिए मोबाइल मिसाइल बैटरी सिस्टम की तैनाती को रक्षा मंत्रालय ने हरी झंडी दे दी है और इस बाबत आवश्यक सामग्री की आपूर्ति का समझौता 30 मार्च को ब्रह्मोस एयरोस्पेस कॉरपोरेशन के साथ हो गया है।
साल 2027 से शुरू होगी बैटरी की आपूर्ति
नौसेना के पूर्व उप प्रमुख ने कहा कि तटवर्ती इलाकों में अगली पीढ़ी के अत्याधुनिक मिसाइल सिस्टम को तैनात कर हम सभी तरह की चुनौतियों से निपटने में सक्षम हो जाएंगे। यह सिस्टम खतरे का पता लगाकर उसे खत्म करने में सक्षम होगा। रूस के साथ मिलकर तैयार हुआ यह स्वदेशी सिस्टम दुश्मन के युद्धपोत और जमीन से होने वाले हमलों से निपटने में सक्षम होगा। इन बैटरी की आपूर्ति 2027 से शुरू होगी।