मध्यप्रदेश

स्कूली विद्यार्थियों के लिये मुख्यमंत्री नवाचार पुरस्कार योजना

बच्चों की रचनात्मकता, वैज्ञानिक सोच और कल्पना शक्ति को व्यवहारिक रूप देगी यह योजना : राज्य मंत्री श्री परमार
राज्य मंत्री श्री परमार ने राज्य स्तरीय आकलन केंद्र का किया लोकार्पण

भोपाल

स्कूल शिक्षा (स्वतंत्र प्रभार) एवं सामान्य प्रशासन राज्य मंत्री श्री इन्दर सिंह परमार ने सोमवार को भोपाल में राज्य मुक्त विद्यालयीन शिक्षा बोर्ड द्वारा स्थापित प्रगत शैक्षिक अध्ययन संस्थान में राज्य स्तरीय आकलन केंद्र का लोकार्पण किया। उन्होंने कक्षा 5वीं से 12वीं तक के स्कूली विद्यार्थियों के लिए मुख्यमंत्री नवाचार पुरस्कार की घोषणा की।

मंत्री श्री परमार ने कहा कि शिक्षक और विद्यार्थी दोनों समाज में रहते हैं। स्वाभाविक रूप से बच्चों के मन में कई तरह के नवाचार, समावेशी प्रश्न और उनके समाधान उठते हैं। बच्चों को आगे बढ़ाने के लिए नवाचार को समझना होगा। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के मार्गदर्शन में प्रदेश में गुणवत्तापूर्ण स्कूली शिक्षा देने के उद्देश्य से बच्चों के समग्र और सर्वांगीण विकास के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है। बच्चों में उनकी वैज्ञानिक सोच, कल्पना शक्ति एवं रचनात्मकता को व्यवहारिक रूप देने के लिए प्रदेश में पहली बार यह पुरस्कार योजना शुरू की जा रही है। उन्होंने कहा कि यह योजना बच्चों के नवाचार को अवसर और मंच प्रदान करेगी।

राज्य मंत्री श्री परमार ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अनुरूप बच्चों के समग्र मूल्यांकन की दृष्टि से प्रश्न-पत्र निर्धारण पद्धति को बेहतर बनाने के लिए राज्य स्तरीय आकलन केंद्र बनाया गया हैं। इसमें ज्यादा से ज्यादा शिक्षकों को प्रश्न-पत्र बनाने के लिए प्रशिक्षण दिया जायेगा, जिससे शिक्षक बच्चों के लिए ऐसे प्रश्न-पत्र तैयार करें, जिनसे बच्चों में शिक्षा को लेकर जिज्ञासा एवं उत्साह का भाव जागृत हो एवं उनका वास्तविक मूल्यांकन हो सके। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन में सबसे बड़ी और अहम भूमिका शिक्षक की है। समाज का सबसे ज्यादा विश्वास शिक्षक पर होता है और यह विश्वसनीयता बनाए रखने की जिम्मेदारी शिक्षक की है।

राज्य मुक्त विद्यालयीन शिक्षा बोर्ड के संचालक श्री प्रभात राज तिवारी ने बताया कि मुख्यमंत्री नवाचार पुरस्कार योजना अंतर्गत कक्षा 5वीं से कक्षा 12वीं तक के विद्यार्थियों को उत्कृष्ट नवाचारों के लिए प्रथम पुरस्कार स्वरूप 51 हजार रूपए, द्वितीय पुरस्कार स्वरूप 31 हजार रूपए, तृतीय पुरस्कार स्वरूप 21 हजार रूपए एवं सांत्वना पुरस्कार स्वरूप 11 हजार रूपए (प्रत्येक संभाग के लिए कुल दस पुरस्कार) दिए जायेंगे। इसके अतिरिक्त बच्चों के मेंटर (शिक्षक) को बच्चों के पुरस्कार की 20% राशि पुरस्कार स्वरूप अलग से दी जाएगी। श्री तिवारी ने बताया कि नवाचार जमा करने संबंधी प्रक्रिया एवं आवश्यक जानकारी साझा करने के लिए ईएफए स्कूल को नोडल सेंटर बनाया गया है। उन्होंने बताया कि छात्र अकेले अथवा समूह में अपने नवाचार जमा कर सकते हैं। नवाचार जमा करने की अंतिम तिथि 15 जुलाई 2023 है एवं इसका परिणाम 10 अगस्त 2023 को जारी किया जाएगा। श्री तिवारी ने बताया कि परीक्षा के प्रश्न-पत्र 3 स्तर से गुजरते हैं – मापन, आकलन एवं मूल्यांकन। इन तीनों विधाओं को सम्मिलित करते हुए राज्य स्तरीय आकलन केंद्र की स्थापना की गई है। इस केंद्र की स्थापना में 68 लाख रूपए का अनावर्ती व्यय हुआ है।

प्रगत शैक्षिक अध्ययन संस्थान की संचालक सुश्री कामना आचार्य सहित अन्य अधिकारी, शिक्षक एवं विद्यार्थी उपस्थित थे। संस्थान के उप प्राचार्य श्री शैलेन्द्र निगम ने आभार माना।

 

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