रायपुर
छत्तीसगढ़ नागरिक संघर्ष समिति ने मुख्य सचिव, कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक रायपुर को पत्र प्रेषित किया है कि वह छत्तीसगढ़ शासन की अधिसूचना के अनुसार तत्काल ही सभी साउंड सिस्टम और पब्लिक ऐड्रेस सिस्टम में साउंड लिमिटर लगवांए और बिना साउंड लिमिटर के बजने वाले साउंड सिस्टम को जप्त करने की कार्यवाही की जाए।
क्या है साउंड लिमिटर की अधिसूचना
आवास एवं पर्यावरण विभाग छत्तीसगढ़ शासन ने ध्वनि प्रदूषण (विनियमन और नियंत्रण) नियम 2000 के तहत वर्ष 2019 में अधिसूचना जारी करके आदेशित किया था कि बिना साउंड लिमिटर के कोई भी साउंड सिस्टम ना तो बेचा जायेगा, ना ही खरीदा जायेगा, ना ही प्रदाय, ना ही संस्थापन (इनस्टॉल) किया जायेगा, ना ही उपयोग किया जायेगा और ना ही किराए पर दिया जाएगा। कोई भी पब्लिक ऐड्रेस सिस्टम ना तो शासकीय और ना ही गैर शासकीय आयोजनों में बिना साउंड लिमिटर के उपयोग किया जावेगा। उपयोग की अनुमति देते वक्त साउंड लिमिटर लगाने की शर्त अनिवार्य रूप से उल्लेखित रहेगी।
क्या होता है साउंड लिमिटर
साउंड लिमिटर, साउंड विस्तार करने वाले यंत्र से निकलने वाली ध्वनि को नियंत्रित करता है। ध्वनि प्रदूषण नियमों के तहत दिए गए मानक के अनुसार यह ध्वनि को नियंत्रित करता है और तेज आवाज निकलने से यह आॅटोमेटिक रूप से बंद हो सकता है या ध्वनि नियंत्रित कर सकता है। धार्मिक स्थलों एवं समाजिक जलसों में दिन प्रतिदिन हो रहा है ध्वनि प्रदूषण, बच्चों के कानों में पड रहा है असर। समिति के डॉ राकेश गुप्ता ने बताया कि पूरे शहर में सुबह से शाम तक धार्मिक स्थलों पर तेज आवाज से ध्वनि प्रदूषण हो रहा है। यह स्थल अधिकतर रहवासी क्षेत्रों में है, जहां पर नागरिक ध्वनि प्रदूषण से परेशान है। इतनी तेज गति से ध्वनि प्रदूषण किया जा रहा है कि बच्चों के कानों में आजीवन का असर पद रहा है। ऐसे सभी साउंड सिस्टम में रहवासी क्षेत्र के ध्वनि मापदंडों के अनुसार साउंड लिमिटेड लगाया जाना चाहिए। अभी नवरात्र में भी घर घर बहुत ध्वनि प्रदूषण हुआ है विशेष रूप से पूरे प्रदेश के गावों में लोगों ने घर घर स्पीकर लगा कर ध्वनि प्रदूषण।
डॉ गुप्ता ने कहा कि जनप्रतिनिधियों को ध्वनि प्रदूषण करने वालों के विरुद्ध आवाज उठानी चाहिए। उन्होंने बताया कि आए दिनों सामाजिक और धार्मिक संगठनों द्वारा आयोजित जलसों और जुलूसों में बजने वाले साउंड स्पीकर में साउंड लिमिटर लगाकर उदाहरण प्रस्तुत किया जाना चाहिए। अभी हाल ही में रायपुर शहर में मुस्लिम समाज और छत्तीसगढ़ में मनवा कुर्मी समाज ने आगे आकर शादियों में ध्वनि प्रदूषण करने वाले यंत्रों के उपयोग पर रोक लगा दी है। बच्चों और बुजुर्गों सहित आमजन में ध्वनि प्रदूषण से हो रहे नुकसान के मद्देनजर, व्यापक जनहित में इस प्रकार का निर्णय अब प्रत्येक समाज को तत्काल ही लेना चाहिए।