
नई दिल्ली, प्रेट्र। आतंकवाद, कट्टरपंथ और आतंकी फंडिंग से निपटने के लिए ब्रिक्स देश अगले महीने होने वाली बैठक में एक कार्य योजना अपनाएंगे। समूह के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की अगले महीने बैठक प्रस्तावित है।विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि ब्रिक्स आतंकवाद-विरोधी संयुक्त कार्य समूह (सीटीडब्ल्यूजी) की 28 और 29 जुलाई को वर्चुअल बैठक में कार्य योजना को अंतिम रूप दिया गया। विदेश मंत्रालय ने कहा, ब्रिक्स आतंकवाद-विरोधी संयुक्त कार्य योजना भारत की ब्रिक्स की अध्यक्षता के दौरान प्रमुख योजनाओं में से एक है। इसे अगले महीने होने वाली ब्रिक्स राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की बैठक में अपनाया जाएगा।
ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) दुनिया के पांच सबसे बड़े विकासशील देशों का एक समूह है। यह वैश्विक आबादी के 41 फीसद, वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 24 फीसद और वैश्विक व्यापार के 16 फीसद का प्रतिनिधित्व करता है।भारत आतंकवाद, उग्रवाद और कट्टरपंथ से निपटने में ब्रिक्स सदस्य देशों के बीच गहरे सहयोग के लिए दृढ़ता से जोर देता रहा है।विदेश मंत्रालय ने कहा कि सीटीडब्ल्यूजी बैठक में ब्रिक्स देशों ने राष्ट्रीय, क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर आतंकवाद से खतरे पर विचारों का आदान-प्रदान किया और कार्य योजना के अनुरूप आतंकवाद विरोधी सहयोग और बढ़ाने का संकल्प लिया।
इससे पहले तीन हफ्ते पहले सभी ब्रिक्स देशों ने ब्रिक्स विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संचालन समिति की 12वीं बैठक के दौरान भारत की ओर से प्रस्तावित इनोवेशन कॉपरेशन एक्शन प्लान (Innovation Cooperation Action Plan, 2021-24) पर सहमति जताई थी। भारत ने एक दूसरे के इनोवेशन इकोसिस्टम के अनुभवों को साझा करने और इनोवेटर्स एवं उद्यमियों की नेटवर्किंग को सहज बनाने की योजना का प्रस्ताव दिया था। समाचार एजेंसी पीटीआइ की रिपोर्ट के मुताबिक ब्रिक्स साइंस, टेक्नोलॉजी इनोवेशन एंटरप्रेन्योरशिप पार्टनरशिप के कार्य समूह ने इस एक्शन प्लान का विवरण तैयार किया। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने बताया कि इस बात पर सहमति बनी कि प्रस्ताव को संबंधित देश के एसटीआई फोकल प्वाइंट के जरिए ब्रिक्स एसटीआईईपी कार्य समूह को भेजा जा सकता है। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने आठ जुलाई को ब्रिक्स विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संचालन समिति की 12वीं बैठक की मेजबानी की थी।