लखनऊ
अपनी बेमिसाल आवाज के दम पर लाखों दिलों पर राज करने वाली बॉलीवुड की एक नामचीन गायिका की कमाई कागजों में जीरो है। इसी तरह सालाना तीन करोड़ से ज्यादा की आमदनी करने वाली एक अभिनेत्री ने तो आयकर बचाने के लिए अपनी आमदनी ही आधी बताई है। रुपहले पर्दे के सितारों की यह बाजीगरी आयकर जांच में सामने आई है। आयकर के स्क्रूटनी वाले मामलों के ऑनलाइन व फेसलेस निस्तारण की लंबी चली प्रक्रिया के बीच फिल्मी कलाकार ही नहीं कुछ बड़े क्रिकेटर्स ने भी ऐसा खेल किया है। विभागीय सूत्रों के मुताबिक एक नामचीन सिंगर ने आईटीआर में अपनी कोई कमाई ही नहीं दिखाई थी। केस निस्तारण से संबंधित अधिकारियों की आपत्ति के बाद उसने अपने रिटर्न में आमदनी का कॉलम भरा। इसके आधार पर देय टैक्स जमा करने पर इस गायिका का केस निस्तारित हुआ।
इसी तरह, एक अभिनेत्री ने आयकर रिटर्न में अपनी कमाई का लगभग आधा ही दर्शाया था। उसके दस्तावेजों की जांच किए जाने पर उसकी कमाई तीन करोड़ से अधिक आई। इसी के आधार पर उसका इनकम टैक्स जमा कराकर केस निस्तारित किया गया। मुरादाबाद समेत पश्चिमी यूपी में आयकर विभाग में कई बॉलीवुड हस्तियों व क्रिकेटर्स के भी केस निस्तारित हुए। जिसमें ऐसी गड़बड़ियां पकड़ में आईं। आयकर अधिकारियों ने इसकी तस्दीक की।
सोसाइटी एक्ट का दुरुपयोग दिखा
मुरादाबाद समेत पश्चिमी यूपी के आयकर अधिकारियों के पास पश्चिमी व दक्षिणी भारत के आयकर केस निस्तारण को पहुंचे। पश्चिमी भारत के केसों में बॉलीवूड स्टार्स व क्रिकेटर्स के इनकम टैक्स संबंधी मामलों से भी आयकर अधिकारी रूबरू हुए तो दक्षिण भारत के आयकरदाताओं के केसों के निस्तारण से वहां सोसाइटीज एक्ट का दुरुपयोग होने के मामले ज्यादा देखने को मिले। एक्ट के अंतर्गत पंजीकरण कराने वाली कई संस्थाएं बड़े पैमाने पर कमाई करने के बावजूद इनकम टैक्स बचाने के लिए आमदनी छिपाने की कोशिश करती दिखीं। दस्तावेजों के आधार पर उनकी कमाई के मुताबिक टैक्स निर्धारित करके और इसे जमा कराकर केस निस्तारित किए गए।
पारदर्शिता को दूसरी जगह भेजे जा रहे केस
अधिकारियों का कहना है कि दक्षिण भारत के केस निस्तारण के लिए पारदर्शिता के मकसद से उत्तर भारत के कार्यालयों में भेजे जा रहे हैं। ताकि, जिनके केस हैं उन्हें निस्तारण करने वाले अधिकारी का पता नहीं चल सके। इसी के मद्देनजर आयकर के स्क्रूटनी केसों के फेसलेस व ऑनलाइन निपटारे की व्यवस्था के तहत निपटारे के लिए इन्हें आयकर के संबंधित जोन से बाहर के जोनों में भेजा रहा है। इसी सिलसिले में उत्तर भारत को छोड़कर देश के अन्य हिस्सों के केस ऑनलाइन एवं फेसलेस निस्तारण के लिए निर्धारित लक्ष्य तय करके मुरादाबाद समेत पश्चिमी यूपी के विभिन्न आयकर अधिकारियों को भेजे जा रहे हैं। ऐसे तमाम केसों के निस्तारण की अंतिम तारीख 31 दिसंबर तय की गई है।