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भोपाल विमानतल ने रचा इतिहास पहली बार उतरा बोइंग, देश में 8 जगह ही यह सुविधा सुविधा

भोपाल
 भारतीय वायुसेना ने भोपाल के राजा भोज एयरपोर्ट पर बोइंग 777-300ER की सफल ट्रायल लैंडिंग करवाई, जिससे यह राज्य का पहला एयरपोर्ट बन गया, जो इतने बड़े विमान को होस्ट कर सकता है। लंबी दूरी की उड़ानों के लिए इस्तेमाल होने वाला यह विमान 74 मीटर लंबा और विशाल विंगस्पैन वाला है, जिससे एयरपोर्ट के आधुनिक इंफ्रट्रक्चर और वीवीआईपी मूवमेंट को सपोर्ट करने की क्षमता का प्रमाण मिला। भोपाल एयरपोर्ट को इस अपग्रेड के तहत नए रनवे टर्न पैड और टैक्सीवे विस्तार जैसी सुविधाएं दी गई हैं, जिससे यह बड़े विमानों के संचालन में सक्षम हो गया है। तीन विशेष पार्किंग स्टैंड बनाए गए हैं, जहां बोइंग 777- 300ER जैसे बड़े विमान आसानी से खड़े हो सकते हैं।

2023 में बुनियादी ढांचे का सुधार पूरा हुआ और DGCA से कमीशनिंग की मंजूरी मिलने के बाद यह ऐतिहासिक ट्रायल संभव हुआ। अब तक यहां से 321 (34 मीटर विंगस्पैन) तक के विमान ही संचालित होते थे, लेकिन अब यह एयरपोर्ट और बड़े विमानों को संभालने में सक्षम हो गया है। इस ट्रायल के साथ, भोपाल हवाई अड्डा अंतरराष्ट्रीय स्तर के बड़े विमानों के संचालन और वीवीआईपी मूवमेंट के लिए पूरी तरह तैयार हो चुका है, जो राज्य की हवाई सेवाओं के विस्तार में मील का पत्थर साबित होगा।

64.8 मीटर के विंगस्पैन और 74 मीटर की लंबाई के साथ, बी-777 300-ईआर को आमतौर पर लंबी दूरी की उड़ानों के लिए इस्तेमाल किया जाता है। भोपाल एयरपोर्ट पर उतरने वाला ये अब तक का सबसे बड़ा विमान है।

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हालांकि ये विमान तो एयर इंडिया का है लेकिन इसका संचालन एयरफोर्स करता है। पायलट भी एयरफोर्स के ही होते हैं। इसी तरह के एक विमान एयर इंडिया वन में पीएम मोदी लंबी विदेश यात्राएं करते हैं।

लंबी दूरी की सेवा हो सकेगी शुरू भोपाल एयरपोर्ट से अब लंबी दूरी की हवाई यात्रा भी की जा सकेगी। एयरपोर्ट डायरेक्टर रामजी अवस्थी ने बताया कि बोइंग-777 का विंग स्पान 64.8 मीटर और लंबाई 74 मीटर होती है, जो भोपाल में अब तक आने वाले विमानों की तुलना में दोगुनी है। भोपाल एयरपोर्ट पर आने वाले विमानों की अधिकतम कैपेसिटी 232 यात्रियों की है, बोइंग-777 विमान 325 से 400 यात्रियों के लिए डिजाइन किए जाते हैं और इनसे लंबी दूरी की यात्रा की जा सकती है। बोइंग-777 विमान की लैंडिंग के लिए रन वे, फायर व अन्य सुरक्षा साधनों को बढ़ाया गया है। तकनीकी भाषा में कैटेगरी-9 तक बढ़ाया गया है, जबकि अभी तक भोपाल में कैटेगरी-7 की सुविधाएं उपलब्ध थीं।

17 घंटे लगातार उड़ान भर सकता है बी-777 300-ईआर इस विमान में न सिर्फ बेहतरीन सेल्फ-डिफेंस इक्विपमेंट हैं, बल्कि ये विमान दो GE90-115BL इंजन से लैस है, जो दुनिया का सबसे शक्तिशाली इंजन है। बोइंग 777-300 ईआर एक बार में 17 घंटे तक की उड़ान भर सकता है। भारत से अमेरिका के बीच की लंबी दूरी भी एक बार में तय कर सकता है। वो भी बिना रीफ्यूलिंग के।

यानी एक बार के फ्यूल से ही इससे लंबी दूरी की उड़ान भरी जा सकती है। ऐसा इसलिए क्योंकि ये विमान काफी बड़ा है और इसकी फ्यूल कैपेसिटी भी ज्यादा है। इससे पहले बोइंग 747 में ये क्षमता नहीं थी।

बोइंग 777-300 ईआर में सुरक्षा सबसे ज्यादा फोकस बोइंग 777-300 ईआर में सुरक्षा का सबसे ज्यादा ध्यान रखा गया है। नए एयरक्राफ्ट में इंटीग्रेटेड डिफेंसिव इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट (AIDEWS) है, जो प्लेन को इलेक्ट्रॉनिक खतरों से बचाता है।

इन विमानों में लार्ज एयरक्राफ्ट इंफ्रारेड काउंटरमेजर्स (LAICRM) सेल्फ-प्रोटेक्शन सूट है, जो विमान की तरफ आने वाली मिसाइल को डिटेक्ट करने और उसे जाम करने में मदद करता है।

भोपाल एयरपोर्ट पर अभी ए-321 विमानों का संचालन वर्तमान में भोपाल एयरपोर्ट पर अधिकतम A321 विमान (विंगस्पैन 34 मीटर) का संचालन होता है। हालांकि, नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) से विशेष अनुमति मिलने के बाद, भोपाल एयरपोर्ट अब वीवीआईपी बी-777 300ER विमान को सीमित टेक-ऑफ वर्जन के साथ संचालित करने में सक्षम हो गया है।

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