
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। भारतीय हॉकी टीम ने ओलिंपिक में कांस्य पदक जीतकर पूरे देश को जगा दिया है। सबने मान लिया था कि भारतीय हॉकी खत्म हो गई है लेकिन इस जीत ने सबकी नींद तोड़ दी है। भारतीय हॉकी के सुनहरे दौर की फिर से शुरुआत होने जा रही है। ओलिंपियन हॉकी खिलाड़ी गुरबख्श सिंह ने भारतीय पुरुष हॉकी टीम के टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने पर यह प्रतिक्रिया जाहिर की।
1964 समर ओलंपिक में स्वर्ण पदक और 1968 मैक्सिको सिटी ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने वाली भारतीय हॉकी टीम के सदस्य रहे गुरबख्श ने कहा-‘ हमने 1980 में आखिरी बार ओलिंपिक में स्वर्ण पदक जीता था, उसके बाद हम चार दशक सेमीफाइनल तक नहीं पहुंच पाए। मौजूदा भारतीय हॉकी टीम का यूएसपी उसका जुझारूपन है। एक गोल से पिछड़ने के बाद जर्मनी जैसी मजबूत टीम को 5-4 गोल से हराना बड़ी बात है।’
1976 मोंट्रियल ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम के कोच रहे गुरबख्श सिंह ने आगे कहा- ‘टोक्यो ओलंपिक में हम सिर्फ दो टीमों से पीछे रहे-ऑस्ट्रेलिया और बेल्जियम। ये दोनों वर्तमान में वर्ल्ड हॉकी में प्रथम व दूसरे स्थान पर हैं। भारत का इस समय वर्ल्ड हॉकी में तीसरा स्थान है, जिसे उसने बरकरार रखा है।’ गुरबख्श ने भारतीय महिला हॉकी टीम की भी जमकर तारीफ करते हुए कहा-‘भारतीय महिला हॉकी टीम ने उम्मीद से बढ़कर प्रदर्शन किया है। वह भी पदक जीतने की हकदार है। हमें उम्मीद है कि वह भी कांस्य पदक जीतकर लौटेगी।’
आपको बता दें कि टोक्यो ओलिंपिक 2020 में मनप्रीत सिंह की कप्तानी में 41 साल के बाद भारतीय हॉकी टीम ने मेडल जीतकर कमाल कर दिया। टीम ने शुरुआत में पिछड़ने में जिस तरह से वापसी की वो कमाल का था और अंत में भारतीय टीम ने कमाल कर दिया। भारत को सेमीफाइनल मुकाबले में वर्ल्ड चैंपियन बेल्जियम से हार मिली थी और टीम फाइनल में जाने से चूक गई थी।