मध्यप्रदेश

रोजगार सहायक द्वारा फर्जीवाड़ा करके निकाली कुटीर की राशि, हितग्राही हो रहे परेशान

फर्जी मजदूरों के नाम से मनरेगा की हड़प रहा राशि

भोपाल

साहब हमारे गांव में कुटीर बनना थी, जिसमें ग्राम पंचायत में पदस्थ रोजगार सहायक मुकेश वर्मा द्वारा फर्जी मजदूरों का नाम दर्शाकर उनके मनरेगा की राशि 9686 रुपए निकाल ली है तथा उक्त जानकारी मेरे द्वारा प्राप्त करने पर ज्ञात हुआ कि उक्त कुटीर निर्माण में फर्जीवाड़ा हुआ है, जिन मनरेगा मजदूरों के नाम दर्शाए गए हैं उनके द्वारा काम ही नहीं किया गया है। यह बात रमाहा ग्राम पंचायत के हर हितग्राही की है। जो जिला पंचायत सीईओ से कह रहे हैं।

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 ग्राम पंचायत रमाहा तहसील बैरसिया निवासी प्रेमसिंह आत्मज गिरधारीलाल, फतेहसिंह, भारतसिंह, नारायन सिंह, कालूराम ने जिला पंचायत भोपाल सीईओ ऋतुराज सिंह के समक्ष कहे और कहा कि रोजगार सहायक मुकेश वर्मा को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाए।

रिश्वत में मांगे 5 हजार, 2 हजार रूपए दिए
ग्राम पंचायत रमाहा के हितग्राहियों से कुटी की राशि डलवाने के लिए प्रत्येक हितग्राही से 5 हजार रुपए मांगे थे, जिसमें से 2 हजार रुपए हितग्राहियों ने दे भी दिए थे, पूरी राशि मिलने के बाद 3 हजार रुपए देने का करार किया गया था, लेकिन राशि उनके खाते में आने की बजाय बाले-बाले निकाल ली गई। यह जानकारी बार-बार जाने के बाद किसी तरह लगी, जिस पर बात की तो अपशब्दों का उपयोग करके कहा कि मेरे ऊपर वरिष्ठ अधिकारियों का हाथ है, तुमसे जो बन सके वह कर लो, मेरा कुछ नहीं बिगाड़ पाओगे। इस पर सभी ग्रामवासियों ने जिला पंचायत सीईओ, कलेक्टर आशीष सिंह को इस आशय का आवेदन दिया।
इस अवसर पर प्रेमसिंह पुत्र गिरधारीलाल ने बताया कि किसी भी हितग्राही से रोजगार साहयक मुकेश वर्मा सीधे मूंह बात नहीं करता है। जब भी फोन लगाओ तो जवाब नहीं मिलता है।

 हमारे द्वारा ही हमारा मकान बनाया जिसके लिए मजदूरी हमारे परिवार ने ही की थी। लेकिन राशि देने की बात पर जबरन रिश्वत की मांग की। हम गरीब हैं, यदि इतनी राशि हमारे घर में होती तो हम कुटी निर्माण के लिए क्यों भटकते रहते। जब कुटी की राशि आई तो खुशी से अपना मकान बनाने में लग गए। लेकिन मजदूरी की राशि हमारे खाते में आने के बजाए फर्जी तरीके से स्वयं ने निकाल ली। इसकी जांच करने से पहले सहायक सचिव मुकेश वर्मा को निलंबित किया जाना चाहिए और हमारी राशि तत्काल दिलवाई जाए।

मनरेगा योजना में भी निकाली राशि
फतेह सिंह निवासी रमाहा ने बताया कि हमारी करीब 12 हजार रुपए की राशि को बाले बाले निकाल ली है और इसके साथ ही चाहें नाली निर्माण कार्य हो या चबूतरा निर्माण कार्य हो या अमृत सरोवर योजना हो, सभी योजनाओं में हितग्राहियों की राशि निकालकर हड़प ली गई है। हितग्राहियों को अपशब्द कहकर भगा दिया जाता है और अपमानित करता है।

वहीं भारत सिंह का कहना है कि 4764 रुपए की राशि निकाल कर धोखाधड़ी की है। उक्त राशि हड़पने वाले के विरुद्ध तत्काल  निलंबित करते हुए धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज करवाने की मांग की है।

लाखों रुपए की धोखाधड़ी की
गरीब हितग्राहियों ने बताया कि शासकीय योजनाओं में शासन की राशि बाले-बाले हड़पने वाले रोजगार सहायक द्वारा जिस प्रकार का कृत्य न सिर्फ ग्रामवासी और हितग्राहियों की राशि को हड़पा है, बल्कि सरकार से वेतन लेकर सरकारी राशि को हड़प रहा है। जिसकी शिकायत  करने के लिए सभी ग्रामवासी परेशान हैं। लेकिन मजदूरी पैसा होने के कारण शिकायत करने के लिए नहीं आ पाए। यदि जांच की जाए तो शासन की राशि को हड़पने और अमानत में खयानत और फर्जी नामों से राशि निकालने में बैरसिया जनपद के बड़े अधिकारी भी इसमें शामिल हो सकते हैं।

जनपद सीईओ को दिया था आवेदन नहीं हुई अभी तक कार्रवाई
गरीब मजदूरों ने बताया कि इससे पूर्व जनपद सीईओ बैरसिया को भी आवेदन दिया गया था, जिस पर आज दिनांक तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। इस कारण अति आत्मविश्वास के चलते रोजगार सहायक सभी हितग्राहियों को कहता है कि तुमसे बने जो कर लो, चाहे विधायक के पास जाओ या मंत्री के पास जाओ, जांच करने वाले अधिकारी जनपद बैरसिया के ही होंगे, मेरा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता है। इस कारण निराश हितग्राहियों ने कलेक्टर कार्यालय और जिला पंचायत सीईओ से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा। इस पर जिला पंचायत सीईओ ऋतुराज सिंह ने आवेदन स्वीकार कर जांच करवाने एवं कार्यवाही का आश्वासन दिया है।

(नोट: ग्राम पंचायत रमाहा रोजगार सहायक मुकेश वर्मा से इस आशय पर बात करने के लिए इस प्रतिनिधि मोबाइल फोन पर संपर्क करने की कोशिश की लेकिन नो रिप्लाई आया।)

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