विदेश

जेलेन्स्की के वाशिंगटन दौरे से पहले रूस-चीन आए एकसाथ,जानें- पैसिफिक क्षेत्र में क्यों बढ़ गई टेंशन?

 यूक्रेन

यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की फरवरी में शुरू हुए रूसी आक्रमण के बाद देश से बाहर पहली बार यात्रा पर वाशिंगटन जा रहे हैं।  एपी सूत्रों के अनुसार,जेलेंस्की आज वाशिंगटन दौरे पर होंगे। इस बीच, रूस और चीन ने चीन सागर में नौसैनिक अभ्यास कर पश्चिमी प्रशांत महासागर क्षेत्र में सरगर्मी बढ़ा दी है। रूसी रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा है कि चीन और रूस बुधवार को पूर्वी चीन सागर में एक सप्ताह तक चलने वाला संयुक्त लाइव-फायर नौसैनिक अभ्यास शुरू करेंगे, क्योंकि दोनों साझेदार तेजी से तनावपूर्ण पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र में सहयोग बढ़ा रहे हैं।

 रिपोर्ट के मुताबिक, रूसी बयान में कहा गया है कि इस नैवल एक्सरसाइज में दोनों देश संयुक्त रूप से हवाई लक्ष्यों के खिलाफ संयुक्त मिसाइल और आर्टिलरी फायरिंग करेंगे। इसके अलावा समुद्री लक्ष्यों के खिलाफ आर्टिलरी फायरिंग और हथियारों के व्यावहारिक उपयोग के साथ संयुक्त एंटी-सबमरीन कार्रवाई भी इसमें शामिल होगी। बयान में कहा गया है कि समुद्री सहयोग 2022 नामक अभ्यास में चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की नौ सेना दो विध्वंसक, दो गश्ती जहाज, एक बहुउद्देश्यीय आपूर्ति जहाज और एक डीजल पनडुब्बी भेजेगी। इसके अतिरिक्त इस अभ्यास में  चीनी एयरफोर्स के विमान भी हिस्सा लेंगे।

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बयान में कहा गया है, "इस नैवल एक्सरसाइज का मुख्य उद्देश्य रूसी संघ और पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना के बीच नौसैनिक सहयोग को मजबूत करना और एशिया-प्रशांत क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखना है।" चीन की तरफ से इस पर अभी तक कोई टिप्पणी नहीं की गई है। दूसरी तरफ चीन ने अब तक यूक्रेन पर रूसी हमले की निंदा नहीं की है।

रूस द्वारा चीन के साथ सैन्य अभ्यास की घोषणा जापान की उस घोषणा के एक हफ्ते से भी कम समय बाद आई है, जिसमें जापान ने कहा था कि वह सुरक्षा खतरों को देखते हुए अपना रक्षा बजट बढ़ा रहा है, ताकि वह लंबी दूरी तक मार करने वाले हथियारों की खरीद कर सके।
 

KhabarBhoomi Desk-1

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