मध्यप्रदेश

कोरोना के महा विपदा काल में आयुर्वेद ने अपनी महत्ता साबित की

आयुष राज्य मंत्री कावरे अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार में हुए शामिल

भोपाल
आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रामकिशोर 'नानो' कावरे ने कहा है कि कोरोना के महा विपदा काल में आयुर्वेद ने अपनी महत्ता साबित की है। कोरोना काल में आयुर्वेद चिकित्सकों ने अपनी जान की परवाह किये बगैर चिकित्सा सेवा में उल्लेखनीय कार्य किया है। कोरोना काल में आयुर्वेद के प्रति नया विश्वास जागृत हुआ है। राज्य मंत्री कावरे आज इंदौर के शासकीय स्वशासी अष्टांग आयुर्वेद महाविद्यालय में अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार को संबोधित कर रहे थे।

आयुष मंत्री कावरे ने कहा कि वर्तमान में आयुर्वेद का अमृत-काल चल रहा है। उन्होंने आयुर्वेद के चिकित्सकों से कहा कि वह इस विश्वास को आगे भी कायम रखें। राज्य मंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश में आयुर्वेद चिकित्सा को बढ़ावा देने के लिये हर संभव प्रयास किये जायेंगे। आयुर्वेद अस्पतालों में आधुनिक जरूरतों के मान से सुविधाएँ जुटाई जा रही हैं। उन्होंने आयुर्वेद महाविद्यालयों में शोध केन्द्रों की स्थापना पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इंदौर के अष्टांग आयुर्वेद महाविद्यालय ने आयुर्वेद के क्षेत्र में प्रगति के नये आयाम तय किये हैं।

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राज्य मंत्री ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार से प्रदेश में आयुर्वेद क्षेत्र के विस्तार को बढ़ावा मिलेगा। इंदौर में हुए दो दिवसीय सेमिनार का विषय "सिद्धांतकॉन'' रखा गया था। सम्मेलन में मुख्य रूप से भारत की प्राचीन आयुर्वेद विधा एवं सिद्धांतों के बारे में चर्चा की गई। साथ ही आधुनिक परिप्रेक्ष्य में किस प्रकार मरीजों को इलाज की सुविधा एवं शिक्षण परम्परा को बेहतर बनाया जा सकता है, इस पर विचार-विमर्श किया गया। साथ ही सम्मेलन में आयुर्वेद औषधीय पौधों की खेती, संरक्षण, आहार चिकित्सा से रोगियों का इलाज, पंचकर्म चिकित्सा, कल्प चिकित्सा पर भी प्रमुख रूप से विचार किया गया। सम्मेलन में 10 देश, जिनमें प्रमुख रूप से न्यूजीलैण्ड, कनाडा, यूनाइटेड किंगडम, जापान और यूनाइटेड अरब अमीरात के प्रतिभागी भी शामिल हुए।

 

KhabarBhoomi Desk-1

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