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कॉलेज के भगवाकरण की कोशिश, हंसराज में नॉन-वेज नहीं मिलने पर बोला SFI; प्रदर्शन का ऐलान

  नई दिल्ली 

दिल्ली यूनिवर्सिटी के हंसराज कॉलेज में मांसाहारी खाना नहीं परोसे जाने के प्रबंधन के फैसले का विरोध शुरू हो गया है। स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया के हंसराज कॉलेज यूनिट ने मंगलवार को कहा कि छात्रों के संगठन ने एक सर्वे कराया है। इस सर्वे में हॉस्टल में रहने वाले कई छात्रों ने अपने मेस में नॉन-वेज खाना बंद किये जाने का विरोध किया है। यह भी कहा गया है कि कॉलेज प्रबंधन ने यह कदम विश्वविद्यालय के भगवाकरण के लिए उठाया है। शुक्रवार को छात्रों के संगठन ने इस मुद्दे पर प्रदर्शन करने का ऐलान भी किया है। 

'टाइम्स ऑफ इंडिया' के मुताबिक, स्टूडेंट फेडरेशन का दावा है कि इस सर्वे में हॉस्टल में रहने वाले 170 छात्रों में से 65 छात्रों ने हिस्सा लिया और इनमें से 75 फीसदी मांसाहारी भोजन करते हैं। एसएफआई के हंसराज यूनिट के अध्यक्ष पुनीत ने कहा कि हंसराज के ज्यादातर छात्र नॉनवेज खाने को बंद किये जाने के खिलाफ हैं। यह सांस्कृतिक आधिपत्य जमाने की कोशिश है। जब यह मुद्दे कैंपस में उठाए जाते थे तब राईट-विंग के लोग आक्रमक रुख अपनाते थे और हिंसा के जरिए छात्रों की आवाज दबा दी जाती थी। 
 
वीडियो बनाए जा रहे थे कि यह कॉलेज एक मंदिर है मदरसा नहीं। कॉलेज में इन सब चीजों के खिलाफ विरोध हो रहे हैं और फेडरेशन इसके खिलाफ कैंपेन को आगे चलाएगा। जानकारी के मुताबिक, कॉलेज प्रशासन ने कोरोना महामारी के बाद से हॉस्टल में मांसाहारी भोजन बंद कर दिया है। पुनीत ने कहा कि इस संबंध में कोई आधिकारिक नोटिस नहीं दी गई थी और नॉन-वेज खाने के लिए छात्रों से अतिरिक्त पैसे भी लिए गए। पुनीत ने कहा कि जब इस विषय के बारे में प्रिंसिपल से पूछा गया तब उन्होंने यह दावा कर दिया कि कॉलेज में 90 फीसदी से ज्यादा छात्र शाकाहारी हैं।

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KhabarBhoomi Desk-1

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