लखनऊ
बसपा सुप्रीमो मायावती ने सोमवार को एक प्रेस कांफ्रेंस में निकाय चुनाव की तारीखों के ऐलान का स्वागत करते हुए मांग की कि ये चुनाव ईवीएम की बजाए बैलेट पेपर से कराए जाएं। इसके साथ ही उन्होंने प्रयागराज की मेयर सीट पर अशरफ अहमद की पत्नी को चुनाव लड़ने का ऑफर दिए जाने के बारे में पिछले एक दिन से लगाई जा रही अटकलों को लेकर भी स्थिति साफ की। उन्होंने ऐसी चर्चाओं को सिरे से नकार दिया।
मायावती ने साफ कहा कि उमेश पाल मर्डर केस में मीडिया में अब तक सामने आई बातों के आधार पर बीएसपी ने फैसला लिया है कि न तो अतीक की पत्नी शाइस्ता को टिकट मिलेगा और न ही अतीक के परिवार के किसी अन्य सदस्य को टिकट दिया जाएगा। बता दें कि पहले चर्चा थी कि हाल में ही बीएसपी ज्वाइन करने वाली अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन को बीएसपी प्रयागराज से मेयर का चुनाव लड़ा सकती है लेकिन उमेश पाल हत्याकांड में साजिशकर्ता के रूप में शाइस्ता का नाम आने के बाद बीएसपी की ओर से साफ कर दिया गया कि शाइस्ता को चुनाव नहीं लड़ाया जाएगा।
इधर, पिछले एक दिन से अटकलें लगने लगीं थीं कि बीएसपी ने अतीक के छोटे भाई अशरफ की पत्नी को चुनाव लड़ने का ऑफर दिया है। सोमवार को मायावती ने इस पर स्थिति साफ करते हुए दो टूक कह दिया कि बीएसपी न तो शाइस्ता परवीन को टिकट देगी और न ही अतीक परिवार के किसी अन्य सदस्य को चुनाव लड़ाएगी।
शाइस्ता को बीएसपी से निष्कासित किए जाने के सवाल पर मायावती ने कहा कि उनके गिरफ्तार होने के बाद इस मामले में जो भी सच सामने आएगा उसके आधार पर कार्यवाही की जाएगी। मायावती ने कहा कि बसपा कानून से ऊपर नहीं है और कानून का पूरा-पूरा सम्मान करती है।
उन्होंने कहा कि उमेश पाल हत्याकांड में शाइस्ता का नाम आने और उसके फरार होते ही स्थिति बदल गई और बीएसपी ने अतीक के परिवार के किसी भी सदस्य को टिकट न देने का फैसला ले लिया।
मायावती ने कहा कि बहुजन समाज पार्टी (बसपा) नगर निकाय चुनावों की घोषणा का स्वागत करती है। हमारी सरकार और संबंधित अधिकारियों से अपील है कि वह चुनाव EVM से न कराकर बैलट पेपर से कराएं। BSP ने इन चुनावों को पूरी तैयार और दमदारी से लड़ेगी।
बीजेपी पर जमकर साधा निशाना
प्रेस कांफ्रेंस में मायावती ने बीजेपी पर जमकर निशाना साधा और कई आरोप लगाए। उन्होंने कहा निकाय चुनाव में एससी-एसटी, ओबीसी और महिलाओं के लिए जो आरक्षण किया गया है उससे ये वर्ग सहमत नहीं हैं। नियमों को ताक पर रखकर ये किया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि सत्ताधारी दल हर स्तर पर राजनीतिक स्वार्थ सिद्ध करने में लगा है। सपा की तरह भाजपा भी हर तरह के हथकंडे अपना रही है ताकि 2024 में भी इसका लाभ लिया जा सके।
यहां तक कि पसमांदा मुस्लिम समाज का राग अलापने लगी है जबकि मुसलमानों के बारे में इस पार्टी के नकारात्मक विचारों से सभी परिचित हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी के राज में मुस्लिम और गरीब हुए हैं। उन्होंने कहा कि असुरक्षित मुस्लिम समाज का पिछड़ा बना रहना दुखद है।
पूरे दमखम से लड़ेगी बीएसपी
मायावती ने कहा कि बीएसपी निकाय चुनाव पूरी तैयारी से लड़ेगी। इस चुनाव की बड़ी अहमियत है। सही लोग चुनकर आने चाहिए जो धार्मिक अल्पसंख्यक समाज के लोगों का भी ध्यान रख सकें। उन्होंने कहा कि बीएसपी बाबा साहब के आदर्शों पर चलते हुए सर्वजन के विकास की बात करने वाली पार्टी है। उन्होंने कहा कि बसपा ने हमेशा गरीबों, पिछड़ों, दलितों और अकलियत के लोगों के हितों की चिंता की है।
उन्होंने बीजेपी सरकार पर गरीबों के लिए विभिन्न योजनाओं में कटौती करने का भी आरोप लगाया और कहा कि इस स्थिति को बेहतर बनाने के लिए निकाय चुनाव में समझदार जनप्रतिनिधि चुनने की जरूरत है। उन्होंने लोगों से किसी के दबाव या प्रलोभन में न आने की अपील की।