मेरठ
उमेश पाल की हत्या के बाद पांच लाख के इनामी बमबाज गुड्डू मुस्लिम को शरण देने वाले डॉ. अखलाक को मदद करने के लिए अहमदाबाद जेल में बंद अतीक अहमद ने कॉल करके कहा था। कॉल डिटेल की पड़ताल के बाद एसटीएफ ने इसकी पुष्टि कर दी है। उमेशपाल की हत्या के अगले दिन 25 फरवरी को अतीक ने साबरमती जेल से 75 सेकेंड की एक कॉल अपने बहनोई डॉ. अखलाक (मेरठ) की थी। दोनों के बीच जो बातचीत हुई, उसे गोपनीय रखा गया है। इसके बाद 3/4 मार्च को पेटीएम से मेरठ से कुछ रकम गुजरात में एक व्यक्ति को भेजी गई, जो अतीक का केयर टेकर है। इस लेनदेन की जानकारी भी एसटीएफ ने जुटा ली है।
एसटीएफ अधिकारियों ने खुलासा किया कि वह लगातार बेटे, पत्नी, रिश्तेदारों और नजदीकी लोगों से फोन पर बात करता था। एसटीएफ के पास अतीक और उसके बेटे के बीच हुई कई बातचीत की रिकार्डिंग उपलब्ध हैं। यह भी खुलासा हुआ है कि उमेश पाल हत्याकांड के बाद साबरमती जेल से अतीक ने अपने बहनोई डॉ. अखलाक को मेरठ में कॉल किया था। सूत्रों की मानें तो परिवार को मदद करने की बात कही गई थी। इस बातचीत के बाद अतीक की बहन अपनी बेटी के साथ प्रयागराज के लिए रवाना हो गई।
3/4 मार्च को पेटीएम से भेजी गई रकम
3/4 मार्च को मेरठ से उॉ. अखलाक ने कुछ रकम अतीकुर्रहमान के पेटीएम अकाउंट से गुजरात के एक व्यक्ति को भेजी थी। गुजरात में जिस व्यक्ति को रकम मेरठ से गई थी, वह अतीक का केयरटेकर बताया गया है। साफ है कि मेरठ से डॉ. अखलाक ने ही मदद कराई थी। अब पुलिस पेटीएम के रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर के धारक और डॉ. अखलाक का कनेक्शन भी तलाश लिया है। इस मामले में लखनऊ रिपोर्ट भी दी गई है।
शरण देने वालों के नेटवर्क से जुड़े अन्य की तलाश
चर्चित उमेश पाल हत्याकांड मामले में फरार चल रहे अतीक अहमद के बेटे असद अहमद को दिल्ली में मदद करने के आरोप में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के हत्थे चढ़े तीनों आरोपियों के नेटवर्क से जुड़े अन्य संदिग्धों की तलाश में पुलिस अब छापेमारी कर रही है।