मध्यप्रदेश

सहायक, मुख्य लिपिक, लेखापाल को भी नगरीय निकायों में पदोन्नति के जरिए बनाया जाएगा CMO

भोपाल

मध्यप्रदेश में पदोन्नति पर रोक होंने का असर यह है कि नगरीय निकायों में नगर पालिका, नगर परिषदों में पदोन्नति के जरिए भरे जाने वाले मुख्य नगर पालिका अधिकारी के सैकड़ों पद खाली पड़े हैं। जूनियर अफसरों को इन पदों का प्रभार देकर काम चलाया जा रहा है।

इस कमी को दूर करने अब नगरीय प्रशासन विभाग ने एक नया फॉर्मूला विभाग में लागू किया है। इसके तहत अब इन रिक्त पदों को भरने के लिए सात वर्ष से सहायक ग्रेड एक, मुख्य लिपिक सह लेखापाल और लेखापाल के पदों पर काम कर रहे अधिकारियों-कर्मचारियों को भी नगर परिषदों में मुख्य नगर पालिका अधिकारी के पद पर पदोन्नत कर पोस्टिंग दी जाएगी।

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प्राप्त जानकारी के मुताबिक प्रदेश के नगरीय निकायों में मुख्य नगर पालिका अधिकारी (सीएमओ) के 50 फीसदी पद सीधी भर्ती से भरे जाते है और 50 फीसदी पद पदोन्नति के जरिए भरे जाते है। सीधी भर्ती के पदों पर तो भर्तियां हो रही है लेकिन वर्ष 2015 से पदोन्नति बंद होने के कारण सीएमओ के पदोन्नति के जरिए भरे जाने वाले पद रिक्त होते जा रहे हैं। इन पर जूनियर अफसरों को प्रभार देकर काम चलाया जा रहा है।

ऐसे हो रहा बादलाव
अभी तक क श्रेणी की नगर पालिका परिषदों के अधीक्षक, ग श्रेणी की नगर पालिका परिषद के राजस्व निरीक्षक एवं राजस्व उप निरीक्षक तथा संबंधित पदों का पांच वर्ष का अनुभव रखने वाले नगर पालिका परिषद के कर्मचारियों को पदोन्नति देकर सीएमओ बनाया जाता रहा है। लेकिन अब इस योग्यता वाले अधिकारी भी धीरे-धीरे सेवानिवृत्त होते जा रहे है।

ऐसे में पदोन्नति वाले पद लगातार खाली हो रहे है इससे प्रदेश के नगरीय निकायों का कामकाज प्रभावित  हो रहा है। इसलिए अब  अब नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने एक नये फार्मूले पर काम करने का निर्णय लिया है। इसके तहत अब  ग श्रेणी की नगर परिषदों में अब पदोन्नति से भरे जाने वाले सीएमओ के  पदों पर सहायक ग्रेड एक, मुख्य लिपिक सह लेखापाल और लेखापाल के पदों पर सात वर्ष का अनुभव रखने वाले नगर पालिका परिषद के कर्मचारियों को ग श्रेणी के सीएमओ के पदों पर पदोन्नत किया जा सकेगा।

KhabarBhoomi Desk-1

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