
बीजिंग, रायटर। चीन ने तियानजिन में सोमवार से शुरू राजनयिक स्तरीय वार्ता में अमेरिका पर द्विपक्षीय संबंध में गतिरोध का आरोप लगाया है। आक्रामक रुख अपनाते हुए चीन ने पहली बार अमेरिका को अपनी मांगों की फेहरिस्त थमा दी। उसने अमेरिका से कहा कि वह चीनी छात्रों और उनकी सत्तारूढ़ कम्यूनिस्ट पार्टी के सदस्यों के खिलाफ वीजा पर लगे प्रतिबंधों को हटा दे। साथ ही चीनी कंपनियों और कंफ्यूशस संस्थानों का उत्पीड़न बंद करने का भी आग्रह किया है।
अमेरिका की नीतियों को खतरनाक बताया
चीन ने अमेरिका में चीनी कंसुलेट और राजदूत के उत्पीड़न का भी आरोप लगाया। साथ ही कहा कि चीनी और एशियाई लोगों पर नस्ली हमले किए जाते हैं। चीन के उप विदेश मंत्री शी फेंग ने अमेरिका की नीतियों को खतरनाक और मानसिकता को गलत बताते हुए इसमें बदलाव लाने को कहा है।
चीन को दुश्मन ना मानें
शिन्हुआ न्यूज एजेंसी के अनुसार उपविदेश मंत्री शी ने अपनी अमेरिकी समकक्ष वेंडी शरमन से बातचीत में कहा कि चीन अमेरिका के बीच संबंधों में अभी गतिरोध है क्योंकि कुछ अमेरिकी चीन को दुश्मन के तौर पर आंकने लगे हैं। जो बाइडेन प्रशासन में नंबर दो राजनयिक मानी जाने वाली शरमन चीन जाने वाली पहली उच्चाधिकारी हैं।
किसी शीर्ष अमेरिकी अधिकारी का पहला दौरा
बता दें कि अमेरिकी उप विदेश मंत्री शरमन और अमेरिकी विदेश मंत्रालय के अधिकारी सोमवार को ही यहां पहुंचे हैं। अमेरिका व चीन संबंधों के प्रभारी शेई फेंग और चीन के विदेश मंत्री वांग यी के साथ शरमन तियानजिन के रिसार्ट में बैठक करेंगी। इसी साल अमेरिका के नए राष्ट्रपति बने जो बाइडन द्वारा देश की कमान संभाले जाने के बाद शरमन चीन का दौरा करने वाली पहली शीर्ष अमेरिकी अधिकारी हैं।
अमेरिका पर ताकत के दुरुपयोग का आरोप लगाया
पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप के कार्यकाल में चीन व अमेरिका के आपसी संबंध काफी खराब हो गए और प्रौद्योगिकी, साइबर सिक्योरिटी, मानवाधिकार समेत कई मामलों पर दोनों के बीच तनावपूर्ण हालात हैं। शनिवार को एक साक्षात्कार में वांग ने अमेरिका के बर्ताव पर सवाल उठाया और कहा कि यह अपनी ताकत का इस्तेमाल अन्य देशों को दबाने में कर रहा है। उन्होंने चीन के फिनिक्स टेलीविजन को बताया कि चीन दूसरे को कुचलने वाले किसी भी देश को स्वीकार नहीं करेगा।
यह है वार्ता का मकसद
वांग ने कहा कि यदि अमेरिका दूसरे देशों के साथ एक समान व्यवहार करना नहीं सीख सकता तो चीन और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इसे सीखने में अमेरिका की मदद करनी होगी। बाइडन प्रशासन के अधिकारियों ने कहा कि इन वार्ताओं का मकसद किसी विशेष मामले पर चर्चा नहीं बल्कि उच्च स्तरीय संवाद के माध्यम खुले रखना है। बाइडन और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच भी अक्टूबर अंत तक रोम में जी-20 शिखर सम्मेलन से अलग बैठक होने की संभावना है।