
काबुल, एएफपी। अफगानिस्तान में तालिबान अपना रंग दिखाता रहा है और अब दोबारा इसी बात का डर दिखने लगा है। यहां के ब्यूटीपार्लरों व रंग बिरंंगे पतंगों से सजी दुकानों के मालिकों के मन में इस बात की आशंका है कि आने वाले दिनों में तालिबानी फरमान से ये सब बंद हो जाएंगे। दरअसल 1996-2001 के दौरान तालिबानियों ने कई मनोरंजन के क्रियाकलापों जैसे पतंगबाजी, टीवी सीरियलों, कबूतर रेसिंग, फैंसी हेयर कट यहां तक कि गाने सुनने पर भी रोक लगा दी थी।
‘Talibanned’: From kite-running to breakdancing, Afghan pastimes again under threat
उत्तरी अफगानिस्तान में अफगान सैनिकों के मोर्चा छोड़कर भागने के बाद वहां तालिबान की गतिविधियां तेज हो गई और रातों-रात उसने कई जिलों पर कब्जा कर लिया। इसकी जानकारी अधिकारियों ने रविवार को दी और बताया कि सैकड़ों की संख्या में अफगान सैनिक सीमा पार करके ताजिकिस्तान में चले गए हैं। हालांकि अफगानिस्तान के सैन्य बल ने उन सभी जिलों को दोबारा तालिबानियों के कब्जे से हासिल करने पर जोर दिया है, जिनपर हाल ही में तालिबान ने कब्जा कर लिया है। इसके मद्देनजर अफगान सैन्य बलों के कम से कम 10,000 सदस्य देश भर में तालिबान के खिलाफ अभियान में शामिल हैं।
तालिबानियों का यह हमला अमेरिकी सैनिकों की वापसी के समय में तेज हुआ है। वहीं अमेरिकी खुफिया सूत्रों के अनुसार अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की पूरी तरह से वापसी के कुछ महीनों के भीतर ही देश की व्यवस्था व सरकार बदल सकती है और तालिबानी आतंक समूह एक बार फिर देश पर कब्जा कर सकता है।
उल्लेखनीय है कि इस साल अप्रैल में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के अफगानिस्तान में चल रहे अंतहीन युद्ध को समाप्त करने और अमेरिकी सैनिकों की वापसी के ऐलान किए जाने के बाद से ही तालिबान ने पूरे देश में अपनी गतिविधियां बढ़ा दी हैं। अफगानिस्तान के 421 जिलों और जिला केंद्रों में से एक तिहाई पर अभी तालिबान का नियंत्रण है।