मध्यप्रदेश

यूपी का मॉडल को अपनाकर खनिज के अवैध कारोबार पर लगाम कसेगी सरकार

भोपाल

मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में लगातार दिख रहीं बीजेपी (BJP) की फायर ब्रांड नेता और प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती (Uma Bharti) के तीखे तेवरों का असर अब साफ तौर पर दिखने लगा है. पूर्व सीएम उमा भारती अवैध शराब और अवैध खनन को लेकर लगातार सख्त रवैया अपनाए हुए हैं. उनके तीखे के तेवरों के बाद अवैध खनन को रोकने के लिए मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार (Shivraj Singh Chouhan Govt) उत्तर प्रदेश का मॉडल अपनाने जा रही है. अवैध खनन को रोकने के लिए प्रदेश के बॉर्डरों पर इलेक्ट्रॉनिक चेक गेट लगाए जाएंगे.

जानकारी के अनुसार मध्य प्रदेश में रेत के अवैध परिवहन को रोकने के लिए सरकार अब उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रॉनिक चेक गेट नीति अपनाने जा रही है. इस नीति के तहत सरकार अत्याधुनिक जांच चौकियां बनाने जा रही है.  ये ई-चेक गेट मध्य प्रदेश की बॉडर पर लगाए जाएंगे. इस सिस्टम में वाहन समेत मालिक और खनिज आदि का पूरा डाटा होगा. वहीं रेत, गिट्टी और पत्थर आदि खनिज लाने वाले वाहनों को माइनटैग लगवाना जरूरी होगा. खनिज अधिकारी को भी हैंड होल्ड एमचेक मशीन दी जाएगी. इसकी मदद से ओवरलोडिंग आदि नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहनों का चालान किया जाएगा.

पहले 50 स्थानों पर होगी व्यवस्था
मध्य प्रदेश में अवैध परिवहन और ओवरलोड को रोकने के लिए ई-चेक गेट लगाए जाएंगे. शुरुआत ये व्यवस्था 50 स्थानों पर होगी. बताया जा रहा है इलेक्ट्रॉनिक चेक गेट व्यवस्था के तहत शुरुआत में मध्य प्रदेश के बॉर्डर पर 50 स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे. ये कैमरे राज्य सरकार के साफ्टवेयर से जुड़ होंगे. कैमरे के सामने आते ही सारी जानकारी मुख्यालय में बैठे अधिकारियों को मिल जाएगी. गड़बड़ी पाए जाने पर आनलाइन चालान किया जाएगा. यदि वाहन ओवरलोडिंग या अन्य नियमों का उल्लंघन करता है, तो विभाग को इसका ऑनलाइन पता लग जाएगा और चालान सीधे वाहन मालिक के मोबाईल पर पहुंच जाएगा. चालान जमा नहीं होने पर सात दिन बाद ही ये प्रकरण न्यायालय पहुंच जाएगा.

बारिश से पहले होगी व्यवस्था
मध्य प्रदेश खनिज विभाग के डारेक्टर राकेश श्रीवास्तव ने बताया कि ई- चेक गेट की व्यवस्था पहले 50 स्थानों पर की जा रही है. शुरुआत यह मध्य प्रदेश की बॉडर पर होगी. इसके तहत कैमरे लगाए जाएंगे. इन कैमरों में वाहनों का लेखा जोखा होगा. गड़बड़ी होते ही चालान सीधे वाहन मालिक के मोबाईल पर पहुंच जाएगा. इस व्यवस्था के लागू होते ही अवैध खनिज परिवहन और ओवर लोडिंग पर लगाम लग सकेगी.

KhabarBhoomi Desk-1

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