
भोपाल, राज्य ब्यूरो। मध्य प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के पहले दिन सोमवार को आदिवासी दिवस की छुट्टी के मुद्दे पर सियायत गरमा गई। नेता प्रतिपक्ष कमल नाथ ने सवाल उठाया कि आदिवासी दिवस का अवकाश समाप्त क्यों कर दिया। मैं उसे भी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पलटवार करते हुए कहा कि आदिवासी दिवस पर ऐच्छिक अवकाश है। भ्रम मत फैलाइए। कांग्रेस घटिया और स्तरहीन राजनीति कर रही है। इससे नाराज कांग्रेस विधायक दल ने बहिर्गमन किया। लेकिन नेता प्रतिपक्ष कमल नाथ, डा. गोविंद सिंह,आरिफ अकील, केपी सिंह सदन में ही मौजूद रहे। लोकसभा व विधानसभा के दिवंगत सदस्यों, कोरोना और विदिशा के लाल पठार गांव में कुआं धंसने से मृत व्यक्तियों को श्रद्धांजलि देने के बाद सदन की कार्यवाही मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दी गई।
कार्यवाही प्रारंभ होते ही कांग्रेस दल के विधायकों ने सरकार पर आदिवासी विरोधी होने का आरोप लगाते हुए आसंदी के सामने आकर नारेबाजी की। इसी बीच विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने संसद और विधानसभा के दिवंगत सदस्यों का उल्लेख किया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शोरगुल के बीच दिवंगतों को याद करते हुए कहा कि इनके जाने से अपूरणीय क्षति हुई है। कोरोना संक्रमण की वजह से हजारों व्यक्ति और विदिशा के लाल पठार गांव में कुआं धंसकने से 11 मृत व्यक्तियों को श्रद्धांजलि दी।
नेता प्रतिपक्ष कमल नाथ ने कांग्रेस के विधायकों के विरोध का हवाला देकर कहा कि यह जो आक्रोश है इसका कारण आदिवासी दिवस को समाप्त करना हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस श्रद्धांजलि में राजनीति कर रही है। भाजपा आदिवासियों की सबसे हितैषी पार्टी है। हम 15 नवंबर को बिरसा मुंडा के जन्मदिन पर जनजाति गौरव दिवस मनाएंगे। अवकाश भी रहेगा।
इस पर कमल नाथ ने पूछा कि फिर आदिवासी दिवस का अवकाश निरस्त क्यों किया। मुख्यमंत्री ने फिर कहा कि जनजातीय मंत्रालय भाजपा ने बनाया है। पेसा एक्ट भी शिवराज सिंह चौहान लागू करेगा, आप नहीं करोगे। इस पर दोनों के बीच तीखी बहस हुई। मुख्यमंत्री ने कहा कि आदिवासियों के ऊपर घटिया राजनीति कर रहे हैं। हम आदिवासियों के कल्याण के लिए सब कुछ अर्पित कर देंगे। आप लोगों (कांग्रेस) ने प्रदेश में गलत संदेश दिया है।