कांकेरछत्तीसगढ़

सरकारी नौकरी लगाने के नाम से 10 लाख की ठगी: आरोपी गिरफ्तार

कांकेर। जिले में बस्तर फाइटर बनवाने का झांसा देकर युवाओं से 10 लाख रुपए ठगने वाले शातिर आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। ठग अपना रसूख दिखाने के लिए प्रदेश के बड़े नेताओं के साथ अपनी फोटो फेसबुक पर पोस्ट किया करता था। मामला पखांजूर थाना क्षेत्र का है।

आरोपी हसन खान बस्तर फाइटर के साथ-साथ अन्य विभागों में भी नौकरी लगवाने का दावा करके युवाओं को अपने झांसे में लेता था। आरोपी हसन खान (24 वर्ष) भिलाई का रहने वाला है और इससे पहले भी वो मध्यप्रदेश के बालाघाट और भिलाई (छग) में ठगी की कई वारदातों को अंजाम दे चुका है।

पखांजूर थाना प्रभारी मोरध्वज देशमुख ने बताया कि हसन खान की दोस्ती फेसबुक और इंस्टाग्राम के माध्यम से पखांजूर के ग्राम पीवी 41 निवासी विश्वजीत देवनाथ से हुई। हसन खान ने प्रदेश के नेताओं के साथ सोशल मीडिया पर अपनी फोटो पोस्ट कर रखी थी। इससे विश्वजीत देवनाथ उससे प्रभावित हो गया। दोनों के बीच सोशल मीडिया पर चैटिंग होने लगी। बातचीत में आरोपी ने अपने सबंध बड़े नेताओं और अधिकारियों से होने की बात कही और बड़े से बड़ा काम भी मिनटों में निपटाने का दावा किया।

झांसे में आए युवक विश्वजीत ने अपने भतीजे और भांजी को खाद्य निरीक्षक व लिपिक की नौकरी दिलाने के लिए हसन खान से संपर्क किया। इसके लिए आरोपी ने युवक से 4 लाख रुपए ले लिए। कुछ दिन पहले ही बस्तर फाइटर की चयन सूची भी जारी हुई थी। जिसमें कमलेश पाल निवासी ग्राम पीवी 27 और वासुदेव सिंह निवासी पीवी 95 का नाम प्रतीक्षा सूची में शामिल था। इन दोनों ने भी विश्वजीत देवनाथ से चर्चा कर आरोपी युवक से संपर्क किया।

बस्तर फाइटर के दोनों अभ्यर्थी भिलाई पहुंचे, तो वहां ठग युवक का ठाठ-बाट देख वे भी उससे काफी प्रभावित हुए और नौकरी लगाने का सौदा किया। 14 सितंबर को आरोपी हसन खान पखांजूर आया और दोनों से पांच लाख रुपए नगद ले गया। इसके बाद उसने एक लाख रुपए और भेजने दबाव बनाया, तो उसे फोन पे के माध्यम से पैसे भेजे गए।

फर्जी नियुक्ति पत्र पर कांकेर की जगह रायपुर एसपी के हस्ताक्षर

आरोपी ने 25 सितंबर को युवक की भांजी प्रियंका देवनाथ का लिपिक पद के लिए नियुक्ति पत्र भेजा। वहीं कमलेश पाल और वासुदेव सिंह का बस्तर फाइटर पद के लिए नियुक्ति पत्र व्हाट्सएप के माध्यम से भेजा। इसी नियुक्ति पत्र ने ठग हसन खान की पोल खोलकर रख दी। अप्वाइंटमेंट लेटर पर कांकेर पुलिस अधीक्षक की जगह रायपुर एसपी के हस्ताक्षर थे। अपना नियुक्ति पत्र देखकर कमलेश पाल और वासुदेव सिंह को शक हुआ। वे अपने पैसों की मांग करने लगे। पैसे वापस नहीं मिले, तो युवकों ने इसकी शिकायत पखांजूर थाने में कर दी।

फोन बंद कर अंडरग्राउंड हो गया था आरोपी, पुलिस ने ऐसे फंसाया

पुलिस ने आरोपी के खिलाफ IPC की धारा 420, 467 और 468 के तहत केस दर्ज किया था। पुलिस टीम कांकेर से भिलाई पहुंची, लेकिन आरोपी अपना फोन बंद कर वहां से फरार हो गया था। पुलिस ने उसे सोशल मीडिया अकाउंट के जरिए ट्रेस करना शुरू किया। वो ओडिशा भागने के चक्कर में था और जगदलपुर तक पहुंचा था। पुलिस ने उसे फंसाने के लिए सोशल मीडिया पर ही रेंजर की नौकरी लगवाने के लिए पैसे देने का झांसा दिया। ठग पुलिस के झांसे में आ गया और जगदलपुर से भानुप्रतापपुर पहुंच गया। यहां पुलिस ने उसे पकड़ लिया।

पूछताछ में आरोपी ने बताया कि ठगी कर उसने सारे पैसे अपने दोस्त नौशाद अली निवासी कैम्प भिलाई 2 के खाते में डाल दिया है। पखांजूर थाना प्रभारी मोरध्वज देशमुख ने कहा कि बस्तर टाइगर भर्ती को लेकर पुलिस बार-बार लोगों को ये आगाह कर रही है कि वे किसी को भी पैसे नहीं दें। इसके बाद भी अभ्यर्थी गी के शिकार हो गए।

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