मध्यप्रदेश

प्रदेश में जनजातीय विकास के लिये सामाजिक, आर्थिक प्रगति की लिखी जा रही नई इबारत : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

भोपाल
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रदेश में जनजातीय विकास के लिये सामाजिक और आर्थिक प्रगति की नई इबारत लिखी जा रही है। प्रदेश सरकार द्वारा जनजातीय वर्ग के उत्थान के लिए चलाई जा रही योजनाओं और कार्यक्रमों से राज्य में जनजातीय समुदाय के सामाजिक, सांस्कृतिक, शैक्षणिक और आर्थिक जीवन में अभूतपूर्व बदलाव देखने को मिल रहे हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश सरकार के सतत् प्रयासों से यहाँ के जनजातीय समुदाय अब प्रगति की राह पर तेजी से आगे बढ़ रहा है। यह विकास न केवल राज्य के लिए बल्कि देश के लिए भी एक प्रेरणा है। प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महाअभियान (पीएम जन-मन) के जरिए प्रदेश की तीन विशेष पिछड़े जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) के समग्र विकास एवं कल्याण के लिए अभूतपूर्व काम हो रहा है। मध्यप्रदेश पीएम जन-मन के क्रियान्वयन में देश में अव्वल स्थान पर है।

ड्रॉप-आउट में कमी और रोजगार में वृद्धि
राज्य में शिक्षा संबंधी प्रोत्साहन योजनाओं के प्रभाव से जनजातीय विद्यार्थियों की साक्षरता दर 51 प्रतिशत से अधिक हो चुकी है। उच्च शिक्षा के लिए शत-प्रतिशत छात्रवृत्ति मिलने से छात्रों के ड्रॉप-आउट में उल्लेखनीय कमी आई है। राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के शिक्षण संस्थानों में जनजातीय छात्रों की भागीदारी में वृद्धि दर्ज की गई है। साथ ही सरकार के प्रयासों से अब युवाओं को निजी क्षेत्र में रोजगार के बेहतर अवसर प्राप्त हो रहे हैं।

स्वरोजगार और ऋण योजनाओं का लाभ
सरकार द्वारा चलाई जा रही स्वरोजगार और आर्थिक कल्याण योजनाओं से जनजातीय हितग्राहियों को बैंकों के माध्यम से ऋण उपलब्ध कराए गए हैं। इससे वे विभिन्न क्षेत्रों में कार्य कर बेहतर जीवन यापन कर रहे हैं, माध्यम से वे अपने रोजगार सफलतापूर्वक चला रहे हैं, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हो रहा है।

वन अधिकार अधिनियम से मिला भूमि का अधिकार
वन अधिकार अधिनियम-2006 के प्रभावी क्रियान्वयन से लगभग 2 लाख 75 हजार जनजातीय परिवारों को उनकी जमीनों पर अधिकार प्रदान किया गया है। इससे उन्हें अपनी भूमि पर खेती करने और जीवन स्तर को सुधारने का मौका मिला है।

स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का सम्मान
जनजातीय अनुसंधान और विकास संस्थान द्वारा स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने वाले जनजातीय सेनानियों की वीर गाथाओं को संरक्षित करने के लिए म्यूजियम बनाए गए हैं। यह पहल न केवल उनके बलिदान को सम्मानित करती है, बल्कि युवा पीढ़ी को प्रेरित भी करती है।

साहूकारों से मिली आजादी
मध्यप्रदेश अनुसूचित जनजाति साहूकार विनियम 1972 को 2021 में संशोधित कर लागू किया गया, जिससे जनजातीय समुदाय को गैरकानूनी साहूकारों के शोषण से मुक्ति मिली है।

आधुनिक सुविधाओं का विस्तार
जनजातीय क्षेत्रों में कृषि, सिंचाई, विद्युत, सड़क, और संचार सुविधाओं में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है, जिससे इन क्षेत्रों का विकास तीव्र गति से हो रहा है।

 

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