राजनीति

पायलट के मंच से गहलोत पर खूब चले तीर, चुनाव से पहले कांग्रेस का बढ़ा पीर

 जयपुर 

जयपुर राजस्थान में विधानसभा चुनाव नजदीक आने के साथ कांग्रेस में खेमेबाजी बढ़ती नजर आ रही है। अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच 2018 विधानसभा चुनाव के बाद शुरू हुई खींचतान इस साल होने जा रहे चुनाव में कांग्रेस के लिए टेंशन बढ़ा सकती है। एक तरफ जहां गहलोत पायलट को 'गद्दार'बता चुके हैं तो दूसरी तरफ पूर्व उपमुख्यमंत्री भी इशारों में ही सही लेकिन सरकार पर सवाल उठा रहे हैं। सोमवार को पायलट ने 'किसान सम्मेलन' के नाम से अपने नए अभियान की शुरुआत की तो उनके मंच से गहलोत को खूब निशाने पर लिया गया। वैसे तो सचिन पायलट ने उत्साहित युवा समर्थकों के बीच भाजपा और मोदी सरकार पर जमकर प्रहार किया, लेकिन गहलोत सरकार की खामियों पर बोलने से भी खुद को रोक नहीं पाए। पेपर लीक मसले का जिक्र करते हुए पायलट ने युवाओं के 'दर्द' को सहलाया और सरकार को भी नसीहत दे डाली।

पायलट ने कहा, ' नौजवानों के भविष्य की चिंता हम सबको है। मैं सच बताता हूं जब मैं अखबार में देखता हूं कि हमारे प्रदेश में कभी पेपर ली क हो गए, कभी परीक्षा रद्द हो गई तो मन में पीड़ा होती है। गांव में एक नौजवान परीक्षा की तैयारी करता है, उसके परिवार को कितनी यातनाएं, कितनी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। कहां से वह किताबें लता है, दिन रात मेहनत करता है, विपरीत परिस्थितियों में तैयारी करता है। जब ऐसा प्रकरण होता है तो मन आहत होता है। मैं उम्मीद करता हूं कि आने वाले समय में छोटी-मोटी दलाली करने वाले की बजाय सरगना को पकड़ना चाहिए। इस देश का नौजवान को यदि मेहनत का फल नहीं मिलेगा, उसके विश्वास में कमी आ जाएगी तो यह हमारे समाज, प्रदेश और देश के लिए अच्छा नहीं है।'

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पायलट ने याद दिलाई मेहनत
पायलट ने यह भी याद दिलाया कि किस तरह उन्होंने कांग्रेस को बुरे हालात से निकाला और सरकार में लाने में कामयाब रहे। पायलट ने कहा, 'वसुंधरा जी की सरकार थी। 163 विधायक थे, कांग्रेस के महज 21 विधायक थे। प्रदेश कांग्रेस का मैं अध्यक्ष बना। मेरी कोशिश रही कि हम हर कार्यकर्ता तक पहुंच सकें। हर सीमा को लांघ सकें। लोगों के दिल से जुड़ सकें। किसी के खुशी में नहीं तो दुख की घड़ी में पहुंच सकूं। उन 5 सालों में हमने पदयात्राएं कीं, घेराव किया, धरना दिया, लाठियां खाईं, जेल गए। मुख्यमंत्री के क्षेत्र में किसान न्याय यात्रा निकाली थी। हमने आपके साथ संघर्ष किया, 11 महीने बाद दोबारा चुनाव आ रहा है। आप अपना प्यार पहले की तरह बरकरार रखना।'

गहलोत पर बरसे उनके ही मंत्री
सचिन पायलट के समर्थक विधायकों ने अपनी ही सरकार पर जमकर निशाना साधा। इनमें सबसे आगे रहे गहलोत कैबिनेट के मंत्री हेमाराम चौधरी। उन्होंने खुलकर कहा कि प्रदेश में बिजली और किसानों की हालत ठीक नहीं है। उन्होंने अपनी उम्र का हवाला देकर इशारों में गहलोत को भी नसीहत दी और कहा कि युवाओं के लिए जगह छोड़ देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि खुद मौका नहीं दिया तो युवा अब धक्के मारकर कब्जा कर लेगा, लेकिन ऐसे में क्या शान रह जाएगी।
 

KhabarBhoomi Desk-1

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