पटना
रमजान के पाक महीने में रोजा रखने के बाद इफ्तारी जरूरी होता है क्योंकि, इसी के साथ रोजा मुकम्मल होता है। इस बीच बिहार में सियासी इफ्तार पार्टी का दौर जोरों पर है। शुक्रवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ओर से सीएम आवास में इफ्तार पार्टी के आयोजन के बाद जदयू की ओर से शनिवार को हज हाउस में इफ्तार पार्टी की जा रही है। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि बीजेपी अब क्या कहेगी?
शुक्रवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की इफ्तार पार्टी की बीजेपी नेताओं ने जमकर मुखालफत की। नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि बिहार हिंसा की आग में जल रहा है और मुख्यमंत्री दावत दे रहे हैं। बीजेपी ने नीतीश कुमार पर तुष्टिकरण की राजनीति का आरोप लगाया। पार्टी की ओर से मुख्यमंत्री के इफ्तार पार्टी का बहिष्कार किया गया। इससे पहले लाल किले की प्राचीर वाले बैनर के नीचे सीएम की इफ्तारी को लेकर भी बिहार में सियासी भूचाल आया था। एआईएमआईएम के सुप्रीमो असदुद्दीन ओवैसी ने भी बिहार में जारी हिंसा के बीच इफ्तार पार्टी में जाने पर नीतीश कुमार पर तीखा हमला किया था।
आज शनिवार को जनता दल यूनाइटेड की ओर से इफ्तार पार्टी आयोजित की जा रही है। पटना स्थित हज भवन में इसकी तैयारी भी की जा रही है। बैनर-पोस्टर में पार्टी नेताओं के आलावे मुख्यमंत्री की तस्वीरें भी लगाई गई है। इस इफ्तारी पर भी सबकी नजरें टिकी है। देखा जा रहा है कि इसमें पहुंचने वाले मेहमानों की सूची में कौन-कौन लोग होंगे। विपक्षी सभी पार्टियों की इस पार्टी पर पैनी नजर है।
बड़ा सवाल यह है कि बीजेपी आज की इफ्तार पार्टी पर क्या कहेगी? बताया जा रहा है कि बीजेपी को भी इसमें शामिल होने के लिए न्योता दिया गया है। बीजेपी के रुख पर सबकी नजरें टिकी हैं कि आज पार्टी क्या रुख अख्तियार करती हैं।
कल 9 अप्रैल को आरजेडी की ओर से पार्टी का आयोजन होने वाला है। पटना में राबड़ी देवी के आवास पर होने वाले इफ्तार पार्टी की तैयारियां जोरों पर हैं। डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव तैयारी की देखरेख कर रहे हैं। बताना अहम है कि पिछले साल राबड़ी देवी आवास में इफ्तार पार्टी पर ही बिहार की राजनीति का रुख बदल गया। बीजेपी के साथ सरकार में नीतीश कुमार मुख्यमंत्री थे। अचानक वह रावड़ी देवी के आवास पर इफ्तार पार्टी में पहुंच गए और वहीं बिहार में सत्ता पलट की पटकथा लिख दी गई।