
भोपाल
राज्यसभा में न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) का मुद्दा छाया रहा। कांग्रेस ने सरकार को घेरते हुए कृषि उपज की एमएसपी पर कानूनी गारंटी की मांग उठाई, तो केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पलटवार करते हुए दावा किया कि “किसानों का कल्याण मोदी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।”
केंद्र का दावा, दालों की 100% खरीद होगी
कांग्रेस सांसद मुकुल वासनिक ने पूछा कि जब किसान एमएसपी की कानूनी गारंटी की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं, तो सरकार की क्या योजना है? सवालों के जवाब में शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि सरकार पहले ही लागत पर 50% लाभ जोड़कर एमएसपी तय कर रही है और अब तुअर, मसूर और उड़द जैसी दलहन फसलों की शत-प्रतिशत खरीद सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि यूपीए सरकार ने तो 50% लाभांश देने के फार्मूले को ही “मंडी में विकृति पैदा करने वाला” बताया था, जबकि मोदी सरकार किसानों के हित में स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू कर रही है।
राज्य सरकारों पर ढिलाई का आरोप
चौहान ने कई राज्यों पर एमएसपी पर खरीद में उदासीनता बरतने का आरोप लगाया। उन्होंने विशेष तौर पर कर्नाटक का उदाहरण देते हुए कहा कि राज्य की कांग्रेस सरकार ने 2024-25 के लिए जितनी तुअर खरीदने की अनुमति ली, उतनी खरीद भी नहीं की। कृषि मंत्री ने साफ कहा कि यदि कोई राज्य सरकार दालों की खरीद नहीं करती है, तो केंद्र सरकार नैफेड जैसी एजेंसियों के माध्यम से सीधे खरीद करेगी, ताकि किसानों को नुकसान न उठाना पड़े।
कांग्रेस का पलटवार
मुकुल वासनिक ने आरोप लगाया कि सरकार उनके सवालों का सीधा जवाब नहीं दे रही। उन्होंने दावा किया कि पिछले 10 वर्षों में 1 लाख 12 हजार किसानों ने आत्महत्या की, जो ग्रामीण संकट का गंभीर संकेत है। जब खरीद प्रक्रिया के फार्मूले पर दोबारा प्रश्न पूछा गया, तो चौहान ने जवाब दिया कि “किसानों का कल्याण ही हमारा एकमात्र फार्मूला है।”






