रायगढ़। 90 प्रतिशत ब्लाइंड अर्जुन झा का संघर्ष आखिरकार रंग लाया है। असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए उनका ज्वाइनिंग लेटर मंगलवार 30 अगस्त को भेज दिया गया है। शहर के तेंदूडीपा में रहने वाले 28 वर्षीय अर्जुन झा सिर्फ 10 प्रतिशत तक देख पाते हैं। उन्होंने पीएससी से असिस्टेंट प्रोफेसर की परीक्षा पास की थी। परीक्षा का रिजल्ट अगस्त 2021 में आया था, लेकिन तब उनकी ज्वाइनिंग रोक दी गई थी ऐसे में अर्जुन ने बिलासपुर हाईकोर्ट में इसे चुनौती दी।
अर्जुन झा बताते हैं कि एक साल के भीतर उन्हें हाईकोर्ट से राहत मिली। मंगलवार को उनका जॉइनिंग लेटर भी आ गया है। अर्जुन अब सारंगढ़ के कॉलेज में हिस्ट्री के प्रोफेसर बनकर छात्रों को इतिहास पढ़ाएंगे।
कोरोना में पिता को खोया
अर्जुन ने बताया कि कोरोना काल उनके लिए बहुत खराब रहा। उन्होंने अपने पिता को इस महामारी के कारण खो दिया। अब उनके परिवार में मां और दो बहनें हैं, जिन्होंने हर कदम पर उनका साथ देकर उन्हें सफलता की सीढ़ियों तक पहुंचाया। उन्होंने कहा कि अभी वे रुकेंगे नहीं, बल्कि अभी तो कई मंजिलें पानी बाकी हैं।
ऑडियो माध्यम से पूरी की पढ़ाई
अर्जुन बताते हैं कि जन्म से ही उनकी आंखों की रोशनी चली गई थी। वे केवल 10 फीसदी ही देख पाते हैं, जिसकी वजह से बचपन में उन्हें बार-बार स्कूल से भी निकाल दिया जाता था, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। कक्षा 1 से लेकर 6 तक उन्हें 5 स्कूल बदलने पड़े। जिसके बाद कक्षा 7वीं से लेकर 10वीं तक की पढ़ाई उन्होंने मनेन्द्रगढ़ के स्पेशल स्कूल से की। 11वीं और 12वीं की पढ़ाई नटवर शासकीय स्कूल से कर सेठ किरोड़ीमल कॉलेज से स्नातक की शिक्षा हासिल की। वे ऑडियो क्लिप के जरिए विषयों को सुनते-समझते थे और इसी तरह अपनी पढ़ाई पूरी करते थे।