देश

दोबारा होगा जारी नीट रिजल्ट , 4 लाख से ज्यादा छात्रों के घटेंगे नंबर, ये है वजह

नई दिल्ली

NEET-UG परीक्षा रद्द नहीं होगी. सुप्रीम कोर्ट ने यह साफ कर दिया कि दोबारा परीक्षा नहीं होगी. कोर्ट ने फिजिक्स के एक सवाल को लेकर भी स्पष्ट किया. कोर्ट का कहना था कि एक सवाल के दो जवाब सही नहीं हो सकते. इस कन्फ्यूजन में जिन स्टूडेंट्स ने अलग-अलग ऑप्शन को चुना था, उनके रिजल्ट को रिवाइज किया जाएगा. कोर्ट के इस फैसले से 4 लाख से ज्यादा स्टूडेंट्स के रिजल्ट प्रभावित होंगे. इसमें NEET परीक्षा में 720/720 के साथ टॉप करने वाले वे 44 अभ्यर्थी भी शामिल हैं. चूंकि कोर्ट ने उन्हें दिए गए ग्रेस मार्क खत्म करने का फैसला किया है.

दरअसल, मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने परीक्षा रद्द करने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी है. सुप्रीम कोर्ट का कहना था कि यह साबित करने के पुख्ता प्रमाण नहीं है कि परीक्षा में प्रणालीगत गड़बड़ी हुई या पूरी परीक्षा की पवित्रता भंग हुई. कोर्ट ने आगे कहा, इस बात में कोई शक नहीं है कि हजारीबाग और पटना में पेपर लीक हुआ और इसका फायदा 155 छात्रों को मिला. कोर्ट ने कहा, रीनीट के परिणाम गंभीर हो सकते हैं. यह 24 लाख छात्रों और मेडिकल पढ़ाई पर असर डालेगा.

Related Articles

क्यों दिए गए थे स्टूडेंट्स को ग्रेस मार्क?

सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी से कहा है कि फिजिक्स के क्वेश्चन पेपर में आईआईटी दिल्ली की एक्सपर्ट टीम द्वारा बताए गए जवाब को ही सही माना जाएगा. इसी के मुताबिक, चार लाख स्टूडेंट्स के रिजल्ट को रिवाइज करने का आदेश दिया है. शुरुआत में NTA ने पुरानी और नई NCERT बुक के बीच विसंगतियों की वजह से दो विकल्पों को सही जवाब के रूप में माना था और इस हिसाब से ही स्टूडेंट्स को ग्रेस मार्क्स दिए गए थे. कोर्ट ने एक्सपर्ट टीम की रिपोर्ट के बाद स्पष्ट किया कि एक सवाल के दो ऑप्शन को सही जवाब नहीं माना जा सकता है.

कोर्ट के फैसले से प्रभावित होगा 4.20 लाख स्टूडेंट्स का रिजल्ट

कोर्ट का यह फैसला 4 लाख 20 हजार से ज्यादा स्टूडेंट्स के मार्क्स को प्रभावित करेगा, जिन्होंने पहले सही माने जाने वाले ऑप्शन को चुना था. इनमें से प्रत्येक छात्र के पांच अंक कटेंगे. जिसका असर ये होगा कि उनकी कुल रैंकिंग पर काफी प्रभाव पड़ेगा. नए वर्गीकरण के मुताबिक, पहले बताए गए टॉपर्स का दोबारा से मूल्यांकन किया जाएगा, जिसके बाद 61 की जगह सिर्फ 17 स्टूडेंट्स ही टॉपर्स माने जाएंगे. क्योंकि जिन 44 को फिजिक्स के एक क्वेश्चन पर ग्रेस मार्क दिए गए थे, अब उन्हें माइनस 5 मार्क की पेनल्टी भुगतनी होगी.

एक्सपर्ट पैनल ने कहा- चौथा ऑप्शन ही सही है

जिन उम्मीदवारों ने 720 अंक प्राप्त किए हैं, उनके अंक घटकर अब 715 हो जाएंगे, जिससे उनकी रैंक में कम से कम 100 अंकों की और गिरावट आएगी. इससे पहले भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) दिल्ली के एक विशेषज्ञ पैनल ने 23 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट को अपनी रिपोर्ट सौंपी. इस रिपोर्ट में IIT दिल्ली ने बताया था कि NEET-UG पेपर में विवादास्पद फिजिक्स के एक क्वेश्चन का चौथा ऑप्शन ही सही जवाब है. केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने भी मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, नए अंतिम स्कोर एक या दो दिनों में जारी किए जाएंगे.

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि इस विसंगति को वापस लेने से 4.2 लाख स्टूडेंट्स की रैंक प्रभावित होगी. इनकी ओवरऑल रैंक भी कम हो जाएगी. नई मेरिट सूची में अंतिम अंक होंगे और उसके अनुसार रैंक की गणना की जाएगी. सूत्र ने बताया कि सरकारी मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश के लिए मौजूदा कट-ऑफ 550 स्कोर से ऊपर होगा. यह विवाद फिजिक्स के उस विशेष सवाल से पैदा हुआ, जिसके कथित तौर पर दो वैध जवाब थे.

नीट पेपर में वो सवाल, जो बन गया विवादास्पद?
– कथन I: परमाणु विद्युत रूप से तटस्थ होते हैं क्योंकि उनमें समान संख्या में धनात्मक और ऋणात्मक आवेश होते हैं.
– कथन II: प्रत्येक तत्व के परमाणु स्थिर होते हैं और अपना विशिष्ट स्पेक्ट्रम उत्सर्जित करते हैं.

ये विकल्प दिए थे…

A- पहला सही है लेकिन दूसरा गलत है.
B- पहला गलत है लेकिन दूसरा सही है.
C- पहला और दूसरा दोनों कथन सही हैं.
D- दोनों कथन गलत हैं.

जब आंसर की जारी की गई तो NEET वेबसाइट ने विकल्प (A) को सही जवाब के रूप में दिखाया. हालांकि, कई छात्रों ने NCERT के ओल्ड वर्जन में दी गई जानकारी के आधार पर आंसर की का विरोध किया. यानी ओल्ड वर्जन के अनुसार दोनों कथन सही थे. इसलिए इस तर्क के आधार पर NTA ने उन छात्रों को ग्रेस मार्क दे दिए, जिन्होंने अपने जवाब में विकल्प (C) को चुना था.

जबकि याचिकाकर्ताओं का कहना था कि NTA दोनों जवाबों को सही नहीं मान सकता है. NEET निर्देश लेटेस्ट NCERT एडिशन का पालन करने के लिए कहते हैं. मामले को सुलझाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने IIT दिल्ली से विशेषज्ञ की राय मांगी. अदालत ने निदेशक से सही जवाब निर्धारित करने और 23 जुलाई की दोपहर तक रिपोर्ट देने के लिए तीन विषय विशेषज्ञों की एक टीम बनाने का अनुरोध किया. सूत्रों ने इंडिया टुडे को यह भी बताया है कि NEET UG काउंसलिंग अब सामान्य रूप से शुरू होगी, क्योंकि सभी स्टूडेंट्स के लिए दोबारा परीक्षा का कोई मौका नहीं है.

 

KhabarBhoomi Desk-1

Show More

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button