विदेश

फॉक्सकॉन-वेदांता डील का अंत: क्या दोनों को नए मिल गए हैं साझेदार

 ताइवान

ताइवान की फॉक्सकॉन ने वेदांता के साथ 19.5 अरब डॉलर का महत्वपूर्ण ज्वाइंट वेंचर छोड़ दिया। दोनों की डील खत्म हो गई। इस अलगाव पर केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि से भारत के सेमीकंडक्टर कार्यक्रम पर कोई असर नहीं पड़ेगा। दूसरी ओर फॉक्सकॉन ने एक बयान में कहा कि संयुक्त उद्यम को समाप्त करने का निर्णय म्यचुअल था। एनडीटीवी  की खबर के मुताबिक इस मामले की जानकारी रखने वाले लोगों ने बताया कि दोनों कंपनियों को अब अपने प्रौद्योगिकी साझेदार मिल गए हैं।

दरअसल फॉक्सकॉन और वेदांता दोनों के पास चिप बनाने का कोई पूर्व अनुभव या तकनीक नहीं है। उनसे यह अपेक्षा की गई थी कि वे इसे एक टेक्नॉलजी पार्टनर से प्राप्त करेंगे। केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने ट्वीट किया, "यह सर्वविदित है कि दोनों कंपनियों के पास पूर्व सेमीकंडक्टर अनुभव या तकनीक नहीं थी और उन्हें एक भागीदार से प्रौद्योगिकी प्राप्त करने की उम्मीद थी।" केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री वैष्णव ने कहा, "फॉक्सकॉन और वेदांता दोनों पीएम नरेन्द्र मोदी की मेक इन इंडिया नीति और भारत के सेमीकंडक्टर प्रोग्राम के लिए प्रतिबद्ध हैं। फॉक्सकॉन के वेदांता के साथ संयुक्त उद्यम से हटने से भारत के सेमीकंडक्टर कार्यक्रम पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।"
 
गुजरात में होना था 19.5 बिलियन डॉलर का निवेश:  वेदांता और फॉक्सकॉन ने गुजरात में सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले उत्पादन संयंत्र स्थापित करने के लिए 19.5 बिलियन डॉलर का निवेश करने के लिए सितंबर 2022 में समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। इस साल मई में संयुक्त उद्यम को एक प्रौद्योगिकी भागीदार के साथ गठजोड़ करने के लिए दिक्कतों की सूचना मिली थी।

Related Articles

न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने मई में ही रिपोर्ट दी थी कि वेदांता और फॉक्सकॉन प्रौद्योगिकी लाइसेंसिंग के लिए एसटीएमइक्रो के साथ जुड़ गए थे, लेकिन सरकार ने स्पष्ट कर दिया था कि वह चाहती थी कि यूरोपीय चिप निर्माता को साझेदारी में हिस्सेदारी अधिक मिले। दूसरी ओर सेबी ने भी पिछले महीने एक बयान में कहां कि वेदांता पर डिस्क्लोजर नियमों का उल्लंघन करने के लिए जुर्माना लगाया था, जिससे ऐसा प्रतीत होता था कि उसने भारत में सेमीकंडक्टर बनाने के लिए फॉक्सकॉन के साथ साझेदारी की है, क्योंकि सौदा वेदांता की होल्डिंग कंपनी के साथ था।
 
वेदांता ने क्या कहा: वेदांता ने कहा कि वह अपनी सेमीकंडक्टर परियोजना के लिए प्रतिबद्ध है और उसने भारत की पहली फाउंड्री स्थापित करने के लिए अन्य भागीदारों को तैयार किया है। वेदांता ने अब कहा है कि उसने सेमीकंडक्टर के लिए पीएम मोदी के दृष्टिकोण को पूरा करने के लिए प्रयासों को दोगुना कर दिया है और पुष्टि की है कि भारत वैश्विक सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखलाओं को पुनर्स्थापित करने में महत्वपूर्ण बना हुआ है।

 

Show More

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button