भोपाल
प्रदेश पुलिस महकमे में संभवता यह पहला मौका होगा जब इतनी बड़ी संख्या में आईपीएस अफसर महज तीन साल का डीआईजी का कार्यकाल करने के बाद आईजी बन जाएंगे। इसके चलते प्रदेश के करीब 8 आईपीएस अफसर डीआईजी वाले अपने चार साल के कार्यकाल की जगह पर तीन साल का कार्यकाल करने के बाद आईजी के पद पर पदोन्नत हो जाएंगे। यह स्थिति प्रदेश के राज्य पुलिस सेवा (एसपीएस) से आईपीएस अवार्ड होने वाले अफसरों के साथ होगी।
15 सालों के बाद मिलेगा डीआईजी पद
एसपीएस से आईपीएस अवार्ड होने के बाद जिन अफसरों को वर्ष 2009 बैच आवंटित हुआ है। उनमें से 11 अफसर डीआईजी हो गए हैं। जबकि इसी बैच के अमित सांघी, टीके विद्यार्थी, सत्येंद्र कुमार शुक्ला, बिजेंद्र कुमार सिंह, मनीष कुमार अग्रवाल, प्रशांत खरे, साकेत कुमार पांडे, डीआर तेनीवार, अनिता मालवीय, अतुल सिंह ये अफसर अभी भी पुलिस अधीक्षक, एसएसपी और बटालियनों में कमांडेंट हैं। ये अफसर अभी डीआईजी नहीं हो सकें हैं।
इनमें से एक अफसर इस साल ही एक डीआईजी के रिटायर होने पर पदोन्नत हो सकते हंै। वहीं अनिता मालवीय इस साल रिटायर हो जाएंगी। बाकी के अफसर अब एक जनवरी 2024 को डीआईजी बनेंगे। यानि इन अफसरों को आईपीएस अवार्ड वर्ष से 15 साल बाद डीआईजी का पद मिलेगा, लेकिन इन्हें आईजी की पदोन्नति 18 साल पूरे होने पर मिल जाएगी। प्रदेश में डीआईजी के पद कम होने के चलते इनते अफसर एक साथ पदोन्नत नहीं हो सकें,लेकिन आईजी के पद पर यह समस्या नहीं आएगी। इसलिए ऐसा हो सकता है कि इनमें आठ अफसर डीआईजी का काम तीन साल में कर आईजी के पद पर पदोन्नत हो जाएंगे।
कब बनते हैं आईपीएस आईजी
एसपीएस से आईपीएस अवार्ड होने वाले वर्ष से 14 साल तक एसपी का कार्यकाल माना जाता है। इसके बाद अगले 4 साल का कार्यकाल डीआईजी का माना जाता है। पहली पदोन्नति आईपीएस अफसरों को 14 साल की नौकरी पूरी होने के बाद डीआईजी के पद पर होती है। डीआईजी के पद पर चार साल यानी आईपीएस के 18 साल पूरे होने पर आईजी के पद पर पदोन्नति होती है।