नई दिल्ली, जेएनएन। फ्लाइंग सिख के नाम से फेमस स्प्रिंटर मिल्खा सिंह ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया है। पिछले महीने कोरोना वायरस से संक्रमित पाए मिल्खा सिंह ने कोविड 19 को मात दे दी थी, लेकिन इस बाद की पेचीदगियों से वे बच नहीं पाए और उनको इस दुनिया को अलविदा कहना पड़ा, लेकिन क्या आप जानते हैं कि उड़न सिख का एक नेशनल रिकॉर्ड एक या दो साल नहीं, बल्कि चार दशक तक जिंदा रहा था।
दरअसल, मिल्खा सिंह ने साल 1960 के रोम ओलंपिक खेलों में ओलंपिक रिकार्ड तोड़ा था, लेकिन वह पदक से चूक गए थे। हालांकि, इस दौरान उन्होंने ऐसा राष्ट्रीय कीर्तिमान स्थापित कर दिया था, जो लगभग 40 साल बाद जाकर टूटा। मिल्खा सिंह 1960 ओलंपिक में 400 मीटर की रेस में चौथे नंबर पर रहे। उन्हें 45.73 सेकंड का वक्त लगा, जो 40 साल तक राष्ट्रीय रिकार्ड रहा।
1959 में पद्म पुरस्कार से सम्मानित किए गए मिल्खा सिंह को 2001 में अर्जुन अवॉर्ड से भी सम्मानित किया गया था। हालांकि, उन्होंने इस पुरस्कार को स्वीकार नहीं किया था। मिल्खा सिंह ने ऐसी एक या दो नहीं, बल्कि दर्जनों मिसाल पैदा की हैं, जो उनके मरणोपरांत भी जिंदा रहेंगी। मिल्खा सिंह के जीवन पर एक बायोपिक फिल्म भी बनी, जिसके लिए रॉयल्टी के तौर पर उन्होंने सिर्फ एक रुपये की मांग की थी।
माखन सिंह से डरते थे मिल्खा सिंह
1962 में कोलकाता में आयोजित राष्ट्रीय खेलों में माखन सिंह ने मिल्खा सिंह को बुरी तरह हराया था। अपने छह साल के करियर में माखन ने 12 स्वर्ण, एक रजत और तीन कांस्य पदक जीते। मिल्खा सिंह ने एक इंटरव्यू में भी माना था, “रेस में अगर मुझे किसी से डर लगता था तो वह माखन सिंह थे। वह एक बेहतरीन धावक थे। 1962 के राष्ट्रीय खेल के बाद से आज तक मैंने वैसी 400 मीटर की रेस नहीं देखी। मैं माखन को पाकिस्तान के अब्दुल खालिक से भी ऊपर मानता हूं।”