
रायपुर : भाजपा के विधायक व पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष नारायण चंदेल ने प्रदेशभर में आजीविका की तलाश में लोगों द्वारा भारी संख्या में अन्य प्रदेशों के लिए किए जा रहे पलायन पर चिंता जताई है। उन्होंने प्रदेश सरकार की कार्यप्रणाली और उसके बड़े-बड़े दावों पर सवाल उठाया है। श्री चंदेल ने कहा कि प्रदेश से लगातार भारी संख्या में रोज हो रहा पलायन भरपूर रोजगार मुहैया कराने की बड़ी-बड़ी डींगें हाँकती प्रदेश सरकार के दावों को खोखला साबित कर रहा है।
विधायक चंदेल ने कहा कि पलायन इस प्रदेश की सबसे बड़ी पीड़ा है और भाजपा की पूर्ववर्ती प्रदेश सरकार के शासनकाल में पलायन को लेकर कांग्रेस खूब हंगामा मचाती थी, भाजपा शासनकाल को कोसती थी। आज वही कांग्रेस सत्ता में आने के बाद ग्रामीण क्षेत्रों में भरपूर रोजगार के ढोल पीटकर भी हो रहे पलायन को नहीं रोक पा रही है। प्रदेश सरकार रोजगार के दावे करके अपने मुँह मियाँ मिठ्ठू बनने के बजाय प्रदेश को यह बताए कि अब पलायन क्यों हो रहा है? श्री चंदेल ने कहा कि विधानसभा के पिछले सत्र में प्रदेश सरकार ने खुद ही स्वीकारा है कि प्रदेश के सिर्फ एक जिले जांजगीर-चाँपा से लगभग 18,801 मजदूरों के तब तक हुए पलायन की जानकारी दी गई थी। इस आधार पर पूरे प्रदेश में पलायन की स्थिति का अनुमान सहज ही लगाया जा सकता है।
उन्होंने पलायन कर अन्य प्रदेशों की ओर जाने वाले लोगों की पूरी जानकारी पंजीबद्ध नहीं किए जाने पर प्रदेश सरकार और उसकी प्रशासनिक मशीनरी की विफलता पर गहरी नाराजगी जताई और कहा कि इसी कारण पलायन कर जाने वाले लोगों की पूरी संख्या और दीगर जानकारी से सरकार बेसुध है। सुबह-सुबह लोग प्रदेश से पलायन कर रहे हैं और संबंधित महकमे को इसकी कोई भनक तक नहीं रहती है। प्रदेश सरकार की इसी ढुलमुल कार्यप्रणाली का ही यह दुष्परिणाम था कि कोरोना की पहली लहर और लॉकडाउन के दौरान जब पलायन करने वाले मजदूरों की वापसी हुई तो किसी भी स्तर पर प्रदेश सरकार को यह सुध ही नहीं थी कि कितने लोगों ने पलायन किया है और अब कितने लोग वापस लौट रहे हैं? श्री चंदेल ने कहा कि पूरे कोरोना काल में प्रदेश सरकार ने अन्य प्रदेशों में फंसे प्रदेश के मजदूरों और श्रमिकों को एक ढेले की भी सहायता नहीं की और न ही प्रदेश के गरीब मजदूरों-श्रमिकों की कोई फिक्र की। उल्टे, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की योजनाओं व सुविधाओं के लाभ से प्रदेश के लोगों को वंचित रखने की घटिया राजनीति की।